10 दिन में 4 मैच, टीम इंडिया की ताकत का होगा टेस्ट

10 दिन में 4 मैच, टीम इंडिया की ताकत का होगा टेस्ट

 मैनचेस्टर
किसी भी टीम के लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप उसी तरह होता है जैसे टेनिस खिलाड़ी के लिए ग्रैंड स्लैम जिसमें चैंपियन बनने के लिए करीब 2 सप्ताह में 7 विपक्षी खिलाड़ियों को मात देनी होती है। हर मैच 5 सेट का होता है। प्रतिभा की परीक्षा से ज्यादा टेस्ट इसमें टिके रहने की ताकत और स्थिरता का होता है।

वर्ल्ड कप का आधे से ज्यादा सफर तय हो चुका है, भारत सेमीफाइनल के बेहद करीब है। सभी टीमों के सफर शुरू होने के बाद में टीम इंडिया ने पहला मैच खेला, लेकिन अब उसे अगले 10 दिन में 4 लीग मैच खेलने हैं जिसमें पहला मुकाबला वेस्ट इंडीज से 27 जून को होगा।

विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम इसके बाद 30 जून को मजबूत इंग्लैंड से और फिर बांग्लादेश से 2 जुलाई को मुकाबला खेलेगा। उसका अंतिम लीग मैच लीड्स में 6 जुलाई को श्री लंका के खिलाफ खेला जाएगा।

वर्ल्ड कप मैच नंबर               टीम                कब         कहां
34                     भारत vs वेस्ट इंडीज     27 जून     मैनचेस्टर
38                        भारत vs इंग्लैंड        30 जून     बर्मिंगम
40                     भारत vs बांग्लादेश     02 जुलाई     बर्मिंगम
44                     भारत vs श्री लंका       06 जुलाई     लीड्स

अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबले को छोड़ दें , तो भारत का सफर अब तक शानदार रहा लेकिन वर्ल्ड कप में कुछ भी हो सकता है। भारत को अगले 4 मैचों में अलग-अलग तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। पहली भिड़ंत वेस्ट इंडीज से है और इस टीम के खिलाड़ियों ने दुनिया में अपने आक्रामक खेल से फैंस को उत्साहित किया है।

हल्के में लेना पड़ेगा भारी
वेस्ट इंडीज ने कुछ करीबी मुकाबले गंवाए जिसमें न्यू जीलैंड के खिलाफ उसका पिछला मैच शामिल है लेकिन टीम में ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जो अपना दिन होने पर अकेले दम पर मैच का परिणाम बदल सकते हैं। अफगानिस्तान के खिलाफ मैच से टीम इंडिया को जरूर कुछ 'समझ' आई होगी, जिससे पहले टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका को भी मात दी। पाकिस्तान के खिलाफ जीत एकतरफा रही।

अफगानिस्तान से मिली सीख
अफगानिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम का मिडिल ऑर्डर एक बार फिर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका, वहीं लोकेश राहुल टॉप ऑर्डर में बेहतर साबित नहीं हुए। दिलचस्प यह रहा कि भारत को यह सब ऐसी टीम के खिलाफ देखने को मिला जिसके पास खोने को कुछ भी नहीं था। हालांकि जीत से 2 अंक मिलना टीम इंडिया के लिए सबसे अच्छा रहा।

हैंपशायर बाउल की इस पिच पर बांग्लांदेश ने 7 विकेट पर 267 रन बनाए और अफगानिस्तान टीम लक्ष्य का सफल पीछा नहीं कर सकी। इसी मैदान पर टीम इंडिया ने 224 रन बनाए थे और अफगानिस्तान जीत से केवल 11 रन पीछे रह गया था।

ओपनर शिखर धवन को चोटिल होना भारत के लिए बड़ा झटका साबित हुआ, जितना पहले नहीं लगा था। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज आईसीसी के टूर्नमेंटों में बेहतर साबित होता रहा। इसके अलावा शिखर पेस और स्पिन दोनों के ही खिलाफ जमकर खेलते हैं।

फील्डिंग और बोलिंग दमदार
भारत को एक बल्लेबाजी ताकत माना जाता है लेकिन वर्ल्ड कप में टीम के खिलाड़ियों ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी, दोनों में ताकत दिखाई है। गेंदबाजों को फील्डरों का सपॉर्ट मिल रहा है और कैच के मामले में भी टीम शानदार है। फील्डिंग में भारत को कमजोर आंका जाता था लेकिन इस बार टीम मैनेजमेंट ने जिस तरह फिटनेस और ऐथलेटिक क्षमता पर काफी जोर दिया। कभी एक कैच छोड़ना या रन आउट ना कर पाना बड़ा नुकसान पहुंचा देता है। याद करिए 1999 वर्ल्ड कप में स्टीव वॉ का कैच गिब्स ने छोड़ दिया था। इससे ऑस्ट्रेलिया टूर्नमेंट में बरकरार रहा और बाद में ट्रोफी अपने नाम की।