विधानसभा में 15,232 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पेश

विधानसभा में 15,232 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पेश

भोपाल। गुरुवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने तृतीय अनुपूरक बजट विधानसभा में पेश कर दिया है। इसमें 15232 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्ताव के मुताबिक मिड-डे मील के लिए 7722 करोड़, उद्योग विभाग को उद्योग नीति निवेश के लिए 400 करोड़, लाडली लक्ष्मी योजना के तहत ब्याज के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। वहीं बजट सत्र के दौरान गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस ने आबादी भूमि पर मालिकाना हक नहीं दिए जाने के मामले में वॉकआउट किया। मुलताई से कांग्रेस विधायक सुखदेव पांसे द्वारा लगाए गए सवाल पर राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा। पांसे ने कहा कि मुलताई नगर में आबादी भूमि पर पट्टाधारी परिवारों को स्वामित्व नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें बैंक लोन नहीं मिल पा रहा है। इसके जवाब में मंत्री राजपूत ने कहा कि इसके लिए सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है। यदि यह परिवार नई नीति के तहत आवेदन करते हैं तो उन्हें कब्जे वाली जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। 

सरकार भू-भाटक वसूलेगी
कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि जिस जमीन पर परिवार वर्षों से काबिज है, उन्हें पट्टा क्यों दिया जा रहा है, जबकि वे उस जमीन के मालिक हैं। यदि पट्टा दिया जाता है तो उन्हें 30 साल बाद कार्रवाई कराना पड़ेगा। ऐसे में सरकार उनसे प्रीमियम और भू-भाटक वसूल करेगी। पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि मप्र में 18 लाख से अधिक परिवार इस समस्या से जूझ रहे हैं। सरकार स्पष्ट करे कि आबादी भूमि में काबिज परिवारों को पट्टा दे रही है या भू-स्वामित्व। इसका मंत्री राजपूत स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया।

फसल नुकसान का उठा मुद्दा
राजगढ़ में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का शून्यकाल में प्रियव्रत सिंह ने मुद्दा उठाया। सरकार से तत्काल सर्वे कराने की की मांग। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को तत्काल सर्वे प्रारंभ कराने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में किसानों की सरकार है और किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा। नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएगी।

किसको कितने का प्रावधान
- सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए 122 करोड़ों का प्रावधान 
- मध्यान भोजन कार्यक्रम के लिए 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान
- सामाजिक सुरक्षा व कल्याण योजना के लिए 138 करोड़ रुपए का प्रावधान
- लाडली लक्ष्मी योजना पर ब्याज के भुगतान के लिए 200 करोड़ का प्रावधान
- बाढ़ और अतिवृष्टि से पीडि़तों की राहत के लिए एक सौ करोड़ का प्रावधान
- पिछड़ा वर्ग के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए 709 करोड़ रुपए का प्रावधान
-राष्ट्रीय पेंशन में कर्मचारियों के अंशदान के लिए 742 करोड़ का प्रावधान
-अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 3 हजार 415 करोड़ रुपए का प्रावधान 
-टैरिफ अनुदान के लिए 238 करोड़, संबल के लिए 228 करोड़ का प्रावधान
-जल जीवन मिशन के लिए 610 करोड रुपए का प्रावधान किया गया