कांग्रेस बनाएगी सरकार, या फिर आएगी भाजपा, सुबह 10 बजे हो जाएगा तय
भोपाल
मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को हुए मतदान का रिजल्ट 11 दिसंबर को आ जाएगा। प्रदेशभर की ईवीएम सभी जिला मुख्यालय पर बनाए गए स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी गई है। हालांकि विपक्षी दल कांग्रेस गड़बड़ियों की आशंका व्यक्त कर रहा है, इसलिए चुनाव आयोग ने भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर दिए है। मतगणना में 15 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। 11 दिसंबर को सुबह 10 बजे तक रुझान बता देंगे कि प्रदेश में किस पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
चुनाव आयोग ने 11 दिसंबर को होने वाली मतगणना को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। EVM में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद मचे हंगामे के बाद चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए पुख्ता व्यवस्था कर दी है।
पूरे प्रदेश में 15 हज़ार कर्मचारी 3 हजार 450 टेबल के साथ लगी कुर्सी पर बैठकर वोट गिनेंगे। पूरे प्रदेश में मतगणना के लिए कुल 306 कमरे तैयार किए गए हैं। हर एक विधानसभा क्षेत्र के लिए 14 टेबल लगेंगे। पूरे प्रदेश में 8 बजे सुबह एक साथ वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी।
प्रत्याशियों पर सख्त हुआ आयोग
इधर, चुनाव आयोग में अब तक खर्च का ब्यौरा नहीं देने पर प्रत्याशियों की मुश्किल बढ़ सकती है। इस बार 2 हजार 899 प्रत्याशी मैदान में हैं, उनमें से सैकड़ों प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में खर्च का ब्यौरा अब तक चुनाव आयोग को नहीं मिला है। ऐसे 532 प्रत्याशियों को आयोग ने नोटिस भेजा है। 27 प्रत्याशियों के खिलाफ आरपी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया गया है।
कांग्रेस ने बनाया खास प्लान
इधर, कांग्रेस ने 11 दिसंबर को होने वाली मतगणना को ध्यान में रखते हुए खास सतर्कता बरतते हुए एक प्लान बनाया है। कांग्रेस को आशंका है कि भाजपा मतगणना के दौरान वोटों की हेराफेरी कर सकती है। इसलिए कांग्रेस ने अब काउंटिंग के दौरान हर चरण के लिए फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है। इससे पहले सिंधिया ने अपने सभी कार्यकर्ताओं को स्ट्रांग रूम और मतगणना स्थल पर नजर रखने को कहा है।
कांग्रेस का प्लान यह है कि सभी 230 सीटों पर एक रणनीति अपनाई जाएगी। प्रत्याशी प्रत्येक राउंड की गिनती केबाद कांग्रेस प्रत्याशी के सर्टिफिकेट लेने के बाद ही अगला राउंड शुरू होगा। सिंधिया यह फार्मूला मध्यप्रदेश में हुए मुंगावली, कोलारस और चित्रकूट में हुए उपचुनाव में भी अपनाया गया था।