31 साल पुराना मामला: 18 महिलाओं का रेप और पुरुषों को टॉर्चर, 215 सरकारी कर्मचारी दोषी
चेन्नई, तमिलनाडु के वचथी गांव के18 महिलाओं का रेप और पुरुषों को टॉर्चर मद्रास हाईकोर्ट ने 215 लोगों को दोषी करार किया है। दोषियों में पुलिसवाले, फॉरेस्ट और रेवेन्यू अधिकारी शामिल हैं। 1992 में इन लोगों ने आदिवासी गांव वचथी में 18 महिलाओं का रेप और पुरुषों को टॉर्चर किया था।
2011 में एक लोअर कोर्ट ने इन लोगों को दोषी ठहराया था। इस आदेश के खिलाफ आरोपियों ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। शुक्रवार (29 सितंबर) को हाईकोर्ट ने लोकर कोर्ट का फैसला बरकरार रखा। 20 जून 1992 को फॉरेस्ट और रेवेन्यू अधिकारियों के साथ मिलकर पुलिस टीम ने वाचथी गांव में रेड डाली थी। ये लोग यहां तस्करी की गई चंदन की लकड़ी ढूंढने आए थे। पुलिस और सरकारी अधिकारियों ने गांव के लोगों को चंदन तस्कर वीरप्पन का समर्थक बताते हुए तीन दिन तक उनके साथ बर्बरता की थी।
269 दोषियों में से 126 फॉरेस्ट ऑफिसर, 84 पुलिसवाले और 5 रेवेन्यू अधिकारी थे। 2011 में जब लोकर कोर्ट का आदेश आया, तब तक 54 दोषियों की मौत हो चुकी थी।
कोर्ट ने दी थी 1 से 10 साल की सजा, 10 लाख जुर्माना लगाया था
2011 के अपने फैसले में लोअर कोर्ट ने सभी दोषियों को 1 से 10 साल तक की जेल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही हर दोषी को 10 लाख रुपए देने आदेश दिया गया था, जो 18 रेप विक्टिम्स को दिए जाते। इनमें से हर दोषी 5 लाख रुपए जमा कर चुका है, जबकि 5 लाख बकाया है।