रेप केसः रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज नहीं दिखा पाए संचालक, मदरसा होगा सील
गाजियाबाद
गाज़ियाबाद के मदरसे में लड़की बरामदगी के मामले में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी सक्रिय हो गए. उन्होंने जांच के बाद पाया कि मदरसे में केवल चार बच्चे रहते हैं और मदरसे के रजिस्ट्रेशन से संबंधित दस्तावेज भी संचालन कमेटी के लोग उन्हें नहीं दिखा पाए. इसलिए वे SDM को पत्र लिखकर मदरसे को सील करने की सिफारिश करेंगे.
गाजियाबाद के अर्थला में संचालित यह मदरसा अवैध रूप से चल रहा था. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के मुताबिक मदरसे के रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागजात संचालन कमेटी के लोग नहीं दिखा पाए. यह मदरसा बिना मान्यता के चल रहा था.
अधिकारियों के मुताबिक मदरसे का निर्माण भी अवैध पाया गया है. मदरसे में फिलहाल जो चार बच्चे रहते हैं, उन्हें उनके घर भेजने की जिम्मेदारी कमेटी के सदस्यों ने ली है. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मदरसे को सील करने के लिए एसडीएम को पत्र लिखेंगे.
दूसरी तरफ सूत्रों के मुताबिक इस मामले के नाबालिग आरोपी के बालिग होने के संकेत मिले हैं. क्राइम ब्रांच की तफ्तीश में यह खुलासा हुआ है. स्थानीय पुलिस ने आरोपी को नाबालिग मानकर बाल सुधार गृह भेज दिया था. लेकिन अब कहानी बदलती नजर आ रही है.
सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच को नाबालिग आरोपी की बोन ओसिफिकेशन टेस्ट रिपोर्ट मिली है. इससे जाहिर हो रहा है कि आरोपी नाबालिग ना होकर बालिग है. पुलिस आरोपी की इस रिपोर्ट को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश करेगी. इस रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि इस मामले में लोकल पुलिस ने लापरवाही बरती है.
उधर, पीड़िता ने 'आजतक' से बातचीत में आपबीती बताई है. बच्ची ने बताया है कि उसका रेप के आरोपी से कोई दोस्ताना संबंध नहीं था. उसे उसकी सहेली के नाम पर बहला कर मदरसे तक ले जाया गया, जहां उसे बेहोश कर कैद किया गया था. पीड़िता ने कहा कि आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बहुत तड़पाया है.