9 अप्रैल को मिल सकते हैं भारत-चीन के सैन्य कमांडर

नई दिल्ली
भारत और चीन के बीच एलएसी पर सैन्य तनाव कम करने को लेकर 9 मार्च को 11वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता हो सकती है। इस बैठक में गोगरा हॉट स्प्रिंग्स में सैन्य तनाव कम करने और पूर्वी लद्दाख में चीन से लगने वाली 1597 किलोमीटर लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अप्रैल 2020 के बीच स्थिति बहाल करने को लेकर बातचीत होने की संभावना है। इसके साथ ही भारतीय सेना देपसांग बल्ग में 2013 में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हुए तनाव के दौरान बने पेट्रोलिंग के मुद्दे का हल भी चाह रही है। सैन्य स्रोतों के मुताबिक बहुत संभव है कि शुक्रवार को ये वार्ता होगी हालांकि पीएलए की तरफ से अभी इसकी पुष्टि की जानी बाकी है।
पिछले साल अप्रैल से जारी तनाव के बाद पहली बार भारत और चीन के बीच 24 जनवरी को कॉर्प्स कमांडर स्तर की 9वें दौर की वार्ता में पैगोंग त्सो झील के किनारे से दोनों सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी थी। इसके बाद फरवरी में दोनों देशों की सेनाएं 20 अप्रैल के पहले वाली स्थिति पर वापस लौटी थीं। हालांकि कुछ चीनी सैनिक अभी गोगरा हॉट स्प्रिंग्स एरिया (पेट्रोलिंग प्वाइंट्स 15 और 17) पर बने हुए हैं।
20 फरवरी को हुई थी आखिरी वार्ता
पैंगोंग क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट के बाद 10वें दौर की सैन्य स्तर की वार्ता 20 फरवरी को आयोजित की गई थी। 16 घंटे तक चली इस मैराथन वार्ता में दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि पैंगोंग त्सो में डिसएंगेजमेंट ने तनाव वाले क्षेत्रों में एक त्वरति और व्यवस्थित ढंग से समाधान के लिए एक अच्छा आधार प्रदान किया है। 11वें दौर की वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब क्वाड सुरक्षा डॉयलाग, जिसका भारत भी हिस्सा है, के बढ़ते प्रभाव के साथ ही ताइवान और दक्षिणी चीन में सागर में दबाव को लेकर चीन की चिंता बढ़ी हुई है। पिछले दिनों ही भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं ने पहली ऑनलाइन समिट में हिस्सा लिया था। इस बैठक में क्षेत्र में चीन आक्रामक रवैये के साथ ही मुक्त हिंद प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा हुई थी।