भोपाल एम्स दुर्लभ बीमारियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र घोषित

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भोपाल, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल को दुर्लभ बीमारियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया है।
दुर्लभ बीमारियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में एम्स भोपाल को शामिल करना दुर्लभ बीमारियों के लिए राष्ट्रीय नीति (एनपीआरडी) 2021 के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल तक समान पहुंच की सुविधा प्रदान करना है। उत्कृष्टता केंद्र का दर्जा मिलने के बाद अब एम्स भोपाल दुर्लभ बीमारियों के निदान, रोकथाम और उपचार की सुविधाओं के साथ एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में काम करेगा। इस केंद्र की जिम्मेदारियों में इन विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए चिकित्सा कर्मियों और रोगियों की शिक्षा और प्रशिक्षण शामिल होगा, जिससे दुर्लभ विकारों की जांच, रोकथाम, शीघ्र निदान और उपचार किया जा सकेगा। केंद्र के तहत गतिविधियों में दुर्लभ बीमारियों के लिए कम लागत वाले निदान और उपचार विज्ञान में अनुसंधान भी शामिल होगा। दुर्लभ बीमारियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में एम्स भोपाल की मान्यता के बाद इस क्षेत्र में दुर्लभ बीमारियों वाले रोगियों को इलाज के लिए सरकार एवं अन्य स्वैच्छिक संगठन से वित्तीय सहायता के लिए पंजीकृत भी किया जा सकेगा ।
प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक और सीईओ एम्स, भोपाल के नेतृत्व में, संस्थान की सुविधाएं और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की समर्पित टीम इसे दुर्लभ बीमारियों की अनूठी चुनौतियों का समाधान करने में एक प्रमुख संस्थान के रूप में स्थापित करती है। संस्थान में दुर्लभ बीमारियों के लिए टीम बेहतर देखभाल प्रदान करने, अनुसंधान को बढ़ावा देने और दुर्लभ बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।