योगी आदित्यनाथ के ललकार से पाकिस्तान में बवाल, सिंध को पाकिस्तान से वापस लेना चाहते हैं योगी

योगी आदित्यनाथ के ललकार से पाकिस्तान में बवाल, सिंध को पाकिस्तान से वापस लेना चाहते हैं योगी

लखनऊ, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित सिंधी सम्मेलन में ऐसा बयान दिया कि पाकिस्तान आग-बबूला हो गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 500 साल बाद अगर राम मंदिर को वापस लिया जा सकता है तो कोई कारण नहीं है कि सिंध को हम वापस नहीं ले सकते हैं। पाकिस्तान ने इसे योगी के अखंड भारत के दावे को हवा दे रहे हैं। इससे पहले भी योगी आदित्यनाथ पाकिस्तान को लेकर तल्ख बयान दे चुके हैं। अब यह चर्चा शुरू हुई है कि आखिर योगी आदित्यनाथ पाकिस्तानी सूबे सिंध को वापस क्यों लेना चाहते हैं?

संसद भवन में अखंड भारत की तस्वीर पर पाकिस्तान का विरोध
आरएसएस और उससे जुड़े संगठन दशकों से अखंड भारत की बात करते रहे हैं। सितंबर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक युवा को जवाब दिया था कि जब तक आप बूढ़े होंगे, तब अखंड भारत का सपना पूरा हो जाएगा। इस सपने को साकार होने में 20 से 25 साल लग सकते हैं। नए संसद भवन में भी केंद्र सरकार ने अखंड भारत की तस्वीर लगाई है, जिसका पाकिस्तान ने विरोध किया था। दरअसल, हिंदू बाहुल्य सिंध प्रांत में आस्था से जुड़े कई मंदिर और प्रतीक हैं। वहां हिंदुओं की दयनीय हालत की खबरों के बाद भारत में शामिल करने की मांग उठती रही है। लोकसभा चुनाव में जाति की काट ढूंढ रही बीजेपी हिंदुत्व के सहारे आगे बढ़ेगी। योगी के इस बयान से पाकिस्तान को लगी मिर्ची बीजेपी के हिंदुत्व के अनुकूल ही है। योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का असरदार चेहरा हैं। सिंध के हिंदुओं के बहाने उन्होंने भारत के हिंदुओं को साधने की कोशिश की है।

पाकिस्तान में हिंदू आबादी कुल जनसंख्या का 2.14 फीसदी 
2017 की जनगणना के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदू आबादी कुल जनसंख्या का 2.14 फीसदी है। हिंदू संगठनों का दावा है कि पाकिस्तान में हिंदू आबादी 4 फीसदी है, मगर पहचान पत्र नहीं होने के कारण उनकी गिनती नहीं होती है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब में ज्यादातर हिंदू बसे हैं। सिंध में हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या 4.17 मिलियन है, जो प्रांत की आबादी का 8.73 फीसदी है। सिंध के उमरकोट जिले में हिंदुओं की आबादी 51 फीसदी से भी अधिक है। आजादी के बाद पाकिस्तान में हजारों मंदिर तोड़े गए। इसके बाद भी कई प्रसिद्ध मंदिरों को स्थानीय हिंदुओं ने दोबारा बनवाया। सिंध के कराची के बारीकलां में हिंगलाज माता का मंदिर है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि हिंगलाज मंदिर में ही सती का सिर गिरा था। कराची के शॉल्जर बाजार में पंचमुखी हनुमान मंदिर भी काफी पुराना है। सिंध के थार जिले में गौरी मंदिर कई सौ साल पुराना है। मुहम्मद अली जिन्ना रोड पर स्वामी नारायण मंदिर में हिंदुओं की आस्था है। सिंध के सुक्कुर में साधु बेला मंदिर भी हिंदुओं की आस्था का गढ़ है। आरएसएस मानता है कि हिंदू की उत्पति सिंधु सभ्यता में ही हुई है, इसलिए अखंड भारत के लिए सिंध जरूरी है।

सिंध के हिंदू 14वीं सदी के संत रामदेव जी के अनुयायी 
सिंध के थारपारकर, मीरपुर खास, टंडो अल्लायार, संघार और मटियारी जिलों में भी 20 पर्सेंट से अधिक हिंदू बसते हैं। सिंध के हिंदू 14वीं सदी के संत रामदेव जी के अनुयायी है। टंडो अल्लायार में श्रीरामदेव पीर मंदिर भी है। खुद पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि पाकिस्तान में हर साल 1000 लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल कराया जाता है। सिंध में आए दिन लड़कियों के अपहरण और जबरन निकाह की खबरें आती हैं। यह आंकड़े शिकायतों पर आधारित हैं, जुल्म की दास्तां इससे अधिक है। पाकिस्तान से आए हिंदू समुदाय के लोगों का कहना है कि वहां हिंदू की बेटी-बहन सुरक्षित नहीं है। सिंध के हिंदू बाहुल्य जिले उमरकोट में भी हालत बुरी है। इस इलाके के ज्यादातर हिंदू समुदाय के लोग बिजनेस और खेती पर निर्भर हैं। यहां हिंदुओं को सरकार की तरफ से मूलभूत सुविधा नहीं मिलती है। कोहली समुदाय के हिंदुओं को स्थानीय जमींदार दशकों तक प्राइवेट जेलों के रखकर बंधुआ मजदूरी कराते रहे। प्रशासन में दखल नहीं होने के कारण कभी उनकी सुनवाई नहीं हुई। पढ़े-लिखे हिंदुओं को स्थानीय ऑफिस में नौकरी नहीं मिलती।

ईशनिंदा के आरोपों से सिंध के हिंदू दहशत में रहते हैं
पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिरों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है। मंदिरों को तोड़े जाने और ईशनिंदा के आरोपों से सिंध के हिंदू दहशत में रहते हैं। अक्टूबर 2021 में सिंध प्रांत के कोटरी में एक हिंदू शिव मंदिर में तोड़फोड़ की थी। जनवरी 2020 में भी सिंध के चाचरों में कट्टरपंथियों ने माता रानी भटियानी देवी का मंदिर को ध्वस्त कर दिया और देवी की मूर्ति पर कालिख पोत दी थी। सितंबर 2019 में धार्मिक नेता मियां मिट्ठू के समर्थकों ने सिंध में तीन मंदिरों को तोड़ दिया था। थाटा जिले में भी 2017 के दौरान हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियों को नाले में फेंका गया था। जून 2023 में कराची के मरी माता मंदिर को रॉकेट लॉन्चर के हमले से तोड़ा गया। कट्टरपंथियों ने 150 साल पुराने मंदिर को बाद में बुलडोजर भी तोड़ा था। इसके बाद भी सिंध में हिंदू मंदिरों पर हमले का सिलसिला जारी है।

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