108 एम्बूलेंस सेवा में नौकरी देने के नाम पर बेरोजगारों से धोखाधड़ी, तीन मामले दर्ज
अन्य शिकायतों की जांच, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से भी मांगी गई जानकारी
भोपाल। मध्य प्रदेश में संचालित 108 एम्बूलेंस सेवा में नौकरी देने के नाम पर कई बेरोजगार युवाओं से ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब तक मिसरोद थाना पुलिस जय अम्बे इमरजेंसी सर्विस प्रालि के डॉयरेक्टर, जनरल मैनेजर, प्रोजेक्ट हेड और एचआर के खिलाफ जालसाजी के तीन केस दर्ज कर चुकी है। सोमवार को भी कोर्ट के आदेश पर इन आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
ट्रेनिंग चार्ज के नाम पर उनसे 11 हजार 500 रूपए का डीडी जमा करा लिया
एएसआई जशवंत सिंह परमार ने बताया कि मध्य प्रदेश में संचालित 108 एम्बूलेंस सेवा का टेंडर जय अम्बे इमरजेंसी सर्विस प्रालि को मिला है। टेंडर मिलने के बाद जय अम्बे इमरजेंसी सर्विस के डॉयरेक्टर जोगेन्द्र सिंह, अमरेन्द्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, जनरल मैनेजर अशोक मेहतो, प्रोजेक्ट हेड सुमित बाबू और एचआर देवदत्त शर्मा ने दिसंबर 2021 में कंपनी ने नौकरी के लिए विज्ञापन जारी किया। उस वक्त प्रियंका नगर कोलार निवासी डॉक्टर निर्पेन्द्र मिश्रा पुत्र भईया लाल(42) ने हैदराबाद से इमरजेंसी टेक्नीशियन का डिप्लोमा किया हुआ है। इस डिप्लोपा के आधार पर वह वर्ष 2009 से लगातार 108 सेवा में टेक्नीशियन के पद पर काम कर रहे थे। इसी बीच केपीटल मॉल मिसरोद स्थित जय अम्बे इमरजेंसी सर्विस के डॉयरेक्टर जोगेन्द्र सिंह, अमरेन्द्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, जनरल मैनेजर अशोक मेहतो, प्रोजेक्ट हेड सुमित बाबू और एचआर देवदत्त शर्मा ने उन्हें दोबारा ट्रेनिंग लेकर ज्वाइनिंग देने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने ट्रेनिंग चार्ज के नाम पर उनसे 11 हजार 500 रूपए का डीडी जमा करा लिया। लेकिन बाद में ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया। जबकि फरियादी निर्पेन्द्र मिश्रा के पास 108 सेवा में काम करने का पुराना अनुभव होने के साथ ही एडवांस लाइफ सर्पोट की ट्रेनिंग भी ले रखी है। जब उन्हें दोबारा नौकरी पर नहीं रखा गया तो तंग आकर फरियादी ने पुलिस में लिखित शिकायत की और फिर न्यायालय में परिवाद लगाया था। कल कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज की है।
धोखाधड़ी के दो केस पहले हो चुके हैं दर्ज-
इससे पहले रामस्वरूप परमार और विजय कुशवाहा की शिकायत पर मिसरोद थाना पुलिस ने जय अम्बे इमरजेंसी सर्विस के डॉयरेक्टर जोगेन्द्र सिंह, अमरेन्द्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह, जनरल मैनेजर अशोक मेहतो, प्रोजेक्ट हेड सुमित बाबू और एचआर देवदत्त शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।
कई मामलों की पुलिस कर रही जांच-
बताया जा रहा है कि 108 सेवा में नौकरी का विज्ञापन जारी करने के बाद तीनों डॉयरेक्टर, प्रोजेक्ट हेड, जनरल मैनेजर और एचआर ने मिलकर कई बेरोजगार युवाओं से ट्रेनिंग व ज्वानिंग के नाम पर हजारों रूपए ऐंठ लिए। इस संबंध में कई पीड़ितों ने मिसरोद थाना में लिखित शिकायत की है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है। अब पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि आरोपियों ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा तय नियमों का भर्ती प्रक्रिया में पालन किया है या नहीं।