कुंभराज के कांग्रेस पार्षद और विधायक प्रतिनिधि दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार
गुना। लगता है कि गुना जिला महिला अपराधाों के मामले में रिकार्ड बनाने की ठान चुका है। इसमें भी चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। एक ओर तो चांचौड़ा के विधायक लक्ष्मण सिंह नारी संरक्षण की दुहाई देते नहीं थक रहे, वही दूसरी ओर उनके करीबी लोग ही महिलाओं से उत्पीडऩ के मामले में कानूनी शिकंजे में फंस रहे हैं। इस बार बलात्कारी चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह के विधायक प्रतिनिधि एवं वार्ड क्रं. 01 कुंभराज के पार्षद संतोष पुत्र रमेश अहिरवार है। बलात्कार के मामले में गुना के महिला थाने ने शिकायत दर्ज करके संंतोष नामक बहुरूपिये समाज कंटक को गिरफ्तार किया है। संतोष को जानने वालों का कहना है कि यदि पुलिस राजनैतिक दबाब को दरकिनारे करके ठीक से जांच करेे तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। संतोष बौद्ध, संतोष भारतीय, संतोष अहिरवार जैसे अलग अलग नामों से जाने जाना वाला कांग्रेस पार्षद संतोष अहिरवार राघौगढ किले से नजदीकियों का फायदा उठाकर अपनी अनैतिक गतिविधियों को अंजाम देता है। संतोष चांचौड़ा विधायक लक्ष्मण सिंह का विधायक प्रतिनिधि है। संतोष के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ महीने पहले ही इसकी कारगुजारियों से परेशान होकर किसी ने इसके साथ मारपीट कर दी थी तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह उसे देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। अपने राजनैतिक रसूख का फायदा उठाकर ही वह पैसों में खेल रहा था। कुछ समय पहले ही फटीचर की तरह घूमने वाला संतोष अहिरवार लक्ष्मण सिंह के विधायक बनते ही शानदार जीवन जीने लगा था। पूरे देश की राजनीति की नब्ज पर अपनी पकड़ रखने वाला राघौगढ़ किले के तीन तीन सीनियर नेता संतोष को क्यों संरक्षण दे रहे हैं यह किसी को समझ नहीं आ रहा है।
आपराधिक तत्वों को संरक्षण देने का यह मामला न तो पहला है और न ही आखिरी। इसके पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वििजय सिंह के भाई और पूर्व नगरीय निकाय केबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह के चाचा पूर्व सांसद और विधायक लक्ष्मण सिंह के एक और प्रतिनिधि प्रदीप सोनी भी बलात्कार के आरोपी हैं और फिलहाल फरार चल रहे हैं। लोगों का कहना है कि राजपरिवार के संरक्षण के चलते पुलिस सोनी पर हाथ नहीं डाल रही है। पिछले दिनों बलात्कार के मामले में मुखर विरोध करने वाले विधायक अपने ही प्रतिनिधियों पर लगे आरोपों पर मौन हैं न तो वह पीडि़ताओं के घर जा रहे हैं और न ही अपने आपराधिक प्रतिनिधियों पर लगाम कसने की पहल कर रहे हैं।
क्या है मामला
संतोष भारतीय उर्फ संतोष बौद्ध से पीड़ित लडक़ी ने संतोष के राजनैतिक कनेक्शन को देखते हुए अपनी रिपोर्ट सीधे पुलिस अधीक्षक को दर्ज कराई। जिसमें उसने बताया की मैं एक आदिवासी लडक़ी हुं। संतोष जो कि कुंभराज का निवासी है वो पहले से ही शादीशुदा था यह बात मुझसे छुपाकर उसने दो साल तक अपने प्रेम जाल में फंसाया और मेरा शारीरिक और आर्थिक शोषण करता रहा। इस षडयंत्र में उसके घर वाले भी शामिल थे। उसके घर वाले भी मुझे बात करते थे और कहते थे कि तेरी शादी जल्द ही कराएंगे । संतोष आए दिन मुझसे किसी न किसी बहाने से रुपए भी लेता रहता था। उसके पिताजी के बीमार होने पे मेरे रिश्तेदार से उनको 5 लाख रुपए भी दिलवाए थे। शादी का झूठा वादा कर कर के संतोष ने मेरे साथ कई बार गंदा काम किया। जब मुझे सच का पता लगा तो बोला कि मैं विधायक प्रतिनिधि हूं। दिग्विजय सिंह, लक्ष्मण सिंह, जयवर्धन सिंह का खास हूुं। मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता है। पुलिस को तो मैं अपनी जेब मैं रखता हु तुम मेरा कुछ नही कर पाओगी। पीडि़ता का दावा है कि मेरे पास बहुत सारी कॉल रिकाडिंग भी है। पुलिस ने त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए संतोष बौद्ध उर्फ संतोष भारतीय उर्फ संतोष अहिरवार को गिरफतार कर लिया है।पुलिस के अनुसार कुंभराज निवासी संतोष अहिरवार द्वारा शादी का झांसा देकर फरियादी से गलत काम किया गया था, लेकिन 07 नवंबर को संतोष ने किसी अन्य युवती से विवाह कर लिया। फरियादिया की रिपोर्ट पर संतोष पुत्र रमेशचंद अहिरवार को पुलिस ने भाादवि की धारा 376(2)(एन) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करके विवेचना में लिया है। गुना पुिलस अधीक्षक पंकज श्रीवास्तव के निर्देश पर सीएसपी गुना श्वेता गुप्ता के मार्गदर्शन में महिला थाना प्रभारी उपनिरीक्षक ज्योति राजपूत ने बहुरूपिये संतोष को मात्र दो घंटे में गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में कुंभराज थाना प्रभारी संजीव सिंह मावई, उपनिरीक्षक अंजना चंदेल, सउनि खेमवती मरावी, प्रआर. गिरराज शर्मा, प्रआर. अनिल, आर देवेन्द्र रघुवंशी, निशा शर्मा की विशेष भूमिका रही।
पहले से शादीशुदा है संतोष बौद्ध
संतोष बौद्ध कहें या संतोष भारती पहले से ही शादीशुदा था। कुछ महीने पहले ही संतोष की पहली पत्नी इसकी हरकतों से तंग आकर इसे छोडक़र चली गई थी। संतोष को करीब से जानने वाले लोगों का कहना है कि उसने अन्य कई महिलाओं को अपनी उंची जान पहचान बताकर फंसा रखा है। पुलिस कड़ाई से पूछताछ करे तो कई और भी चौंकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं। पीडि़ता वर्ग दो की शिक्षिका है जिसे संतोष ने प्यार के जाल में फंसाकर शारीरिक और आर्थिक शोषण करता रहता था। इसके बाद उसने पहली पत्नी से तलाक लिये बिना ही दूसरी शादी कर ली। तब कहीं जाकर पीडि़ता को सच्चाई का पता लगा और उसने पुलिस की शरण ली।
एक और बलात्कारी विधायक प्रतिनिधि फरार
विधायक लक्ष्मण सिंह का ही एक और प्रतिनिधि और बीनागंज शहर कांग्रेस का तात्कालिक अध्यक्ष प्रदीप सोनी बलात्कार के मामले में आरोपी है। अभी तक 1 माह से अधिक समय से पुलिस की गिरफ्त से दूर है। प्रदीप सोनी ने अपने काले कारनामों के स्क्रीन शाट बीनागंज के ही एक धार्मिक ग्रुप में पोस्ट कर दिये थे। इस पर पीडि़त महिला ने चांचौड़ा थाने में उसके खिलाफ रिपोर्ट डाल दी थी। अपने कुकर्मों की पोल खुलने पर प्रदीप सोनी परिवार सहित फरार हो गया। राजनैतिक संरक्षण के चलते चांचौड़ा पुलिस उसे गिरफ्तार करने में कोई रूचि नहीं ले रही है। चांचौड़ा मामले में धरना देने वाले विधायक का अपने बलात्कारी प्रतिनिधियों को संरक्षण देना जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है...?