15 महीनों तक रामलला को वेद मंत्र सुनाएंगे महाराष्ट्र के वैदिक विद्वान
अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। मंदिर के गर्भगृह के साथ मंडप निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। भव्य मंदिर का स्वरूप धीरे-धीरे अपना आकार ले रहा है। मंदिर के गर्भ ग्रह का निर्माण दिसंबर 23 में पूरा हो जाएगा और जनवरी 2024 तक भगवान राम अपने गर्भ ग्रह में विराजमान हो जाएंगे। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के विघ्न बाधा न आये इसलिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के संरक्षण में महाराष्ट्र के लगभग 8000 वैदिक विद्वान के द्वारा भगवान राम लला के गर्भगृह में विराजमान होने तक के लिए अनवरत अनुष्ठान 4 नवंबर से प्रारम्भ किया है।
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गणपति भवन में वैदिक विद्वान कर रहे यज्ञ अनुष्ठान
दरअसल मंदिर निर्माण को लेकर कोई विघ्न बाधा उत्पन्न ना हो। इसके लिए मंदिर से मात्र 200 मीटर दूरी पर स्थित गणपति भवन में महाराष्ट्र के वैदिक विद्वान यज्ञ अनुष्ठान कर रहे हैं। यह यज्ञ अनुष्ठान 4 नवंबर से शुरू हुआ है और जब तक भगवान राम के गर्भ ग्रह का निर्माण नहीं हो जाता तब तक यानी 15 महीनों तक चारों वेदों के परायण का प्रतिदिन अनुष्ठान चलेगा।
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अनुष्ठान राम मंदिर निर्माण तक चलता रहेगा
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय बताते हैं कि चार वेद दुनिया की प्राचीनतम धरोहर हैं। ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद की 11 शाखाएं हैं। सभी वेद की शाखाओं के विद्वान भारत में मिलते हैं। चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में श्री सतगुरु ग्रुप के माध्यम से महाराष्ट्र के वैदिक विद्वान महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले से ब्राह्मणों की एक टोली आएगी। वह 15 दिन अयोध्या में रहेंगे। वेद मंत्रों की ऋचाओं का परायण करेंगे, रामलला को वेद मंत्र सुनाएंगे। यह अनुष्ठान राम मंदिर निर्माण तक चलता रहेगा। लगभग 15 महीने में भगवान रामलला का मंदिर निर्माण हो जाएगा और जब तक भगवान रामलला गर्भ ग्रह में विराजमान नहीं होते तब तक अनवरत अनुष्ठान चलेगा। वहीं वैदिक ब्राह्मण पंडित प्रकाश दंड़गे बताते है कि, चारों वेदों का अनुष्ठान यहां किया जा रहा है। चंडी पाठ वरुण सूक्त और रुद्र सूक्त, बहुत से पाठ ऐसे हैं। जो निर्माण कार्य के लिए जरूरी है।