निर्वाचन आयोग सख्त: पार्षद पांच साल के लिए अयोग्य घोषित 

निर्वाचन आयोग सख्त: पार्षद पांच साल के लिए अयोग्य घोषित 

भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनावी खर्च का लेखा-जोखा नहीं देने वाले पार्षद पर सख्त कार्रवाई करते हुए पांच साल के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। भिंड जिले की नगर परिषद फूफ के वार्ड क्रमांक-1 के पार्षद प्रदीप शर्मा (छुट्टू) को पार्षद होने के लिए जारी आदेश दिनांक से पांच वर्ष की अवधि के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।

30 दिन के अंदर देना होता है व्यय का लेखा

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए यह अनिवार्य है कि निर्वाचन संबंधी व्यय चुनाव की घोषणा की तारीख से लेकर चुनाव परिणाम की घोषणा होने के बीच राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें। ऐसा न करने पर उसका निर्वाचित चुनाव अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। आयोग ने निर्देशित किया है कि अगर संबंधित निर्वाचित पार्षद तय समय-सीमा में निर्वाचन का व्यय लेखा दाखिल नहीं करता है तो उसका निर्वाचन अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी।

पार्षद का चुनाव लडऩे वाले के लिए यह अनिवार्य है कि वह चुनाव की तारीख से 30 दिन के अंदर अपने निर्वाचन व्यय का लेखा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचित अधिकारी के पास दाखिल करेगा, लेकिन जुलाई 2022 में पार्षद के आम निर्वाचन में प्रदीप शर्मा पार्षद पद के अभ्यर्थी थे। नगर परिषद फूफ के वार्ड क्रमांक-1 के निर्वाचन का परिणाम 20 जुलाई 2022 को घोषित हुआ, लेकिन उन्होंने 30 दिन बीत जाने के बाद भी निर्वाचन व्यय का लेखा दाखिल नहीं किया।

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