खान विभाग द्वारा 23 फीसदी विकास दर के साथ 7513 करोड़ का राजस्व संग्रहित
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जयपुर। प्रमुख शासन सचिव खान एवं भूविज्ञान टी. रविकान्त ने कहा कि विभाग द्वारा गत वर्ष की तुलना में 23 फीसदी विकास दर के साथ 16 फरवरी तक 7513 करोड़ रु. से अधिक का राजस्व संग्रहित कर वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में अधिक राजस्व संग्रहित कर लिया है। कोर्ट केस के नाम पर स्टे नहीं होने वाली बकाया वसूली के लिए सख्ती से प्रयास के साथ ही न्यायालयों से स्टे प्राप्त प्रकरणों में विभागीय पक्ष को प्रभावी तरीके से रखते हुए स्टे निरस्त कराकर वसूली के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि खान विभाग सरकार का राजस्व अर्जित करने वाला प्रमुख विभाग है।
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त सोमवार को खनिज भवन में खान एवं भूविज्ञान विभाग के फील्ड अधिकारियों से वर्चुअली संवाद कायम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजकीय बकाया राशि की वसूली में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लक्ष्यों के विरुद्ध शत-प्रतिशत वसूली करने के साथ ही वसूली के प्रयास परिलक्षित होने चाहिए। उन्हांेने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति तक अन्य गतिविधियों के साथ ही विभागीय अधिकारियों का फोकस अधिक से अधिक राजस्व संग्रहित करने पर होगा।
टी. रविकान्त ने अधिकारियों को बकाया एसेसमेंट कार्य को प्राथमिकता से निपटने के निर्देश दिये। उन्होंने विधान सभा प्रश्नों, ध्यानाकर्षन, विशेष उल्लेख आदि के समय पर जबाव भिजवाने, एमओयू करने वाली संस्थाओं से समन्वय करने, जिला कलक्टर की अध्यक्षता में नवगठित समितियांे की प्रतिमाह बैठके आयोजित कराकर स्थानीय स्तर पर माइनिंग से जुड़ी समस्याओं के समाधान कराने आदि के निर्देश दिए।
निदेशक माइंस दीपक तंवर ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर मोनेटरिंग व्यवस्था को और अधिक प्रभावी करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्लोजिंग एरर, रॉयल्टी एसेसमेंट आदि के लिए एक सप्ताह से पन्द्रह दिन में आवश्यक कार्रवाई कर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
संयुक्त सचिव माइंस श्रीमती आशु चौधरी ने विधान सभा प्रकरणों के जबाव देने में प्राथमिकता के साथ ही सरकार द्वारा चाही गई सूचना शीघ्र भेजने को कहा।