पायलट का गहलोत पर तंज- सत्ता में सीएम लीड करता है, हम हमेशा सरकार में रहते हुए हारे

पायलट का गहलोत पर तंज- सत्ता में सीएम लीड करता है, हम हमेशा सरकार में रहते हुए हारे

किशनगढ़। प्रदेश में पेपरलीक और भ्रष्टाचार के खिलाफ सचिन पायलट ने दूसरे दिन शुक्रवार को भी करीब 25 किमी की यात्रा निकाली। पायलट के साथ बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी थे। यात्रा के दौरान उन्होंने एक बार फिर उट अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। उधर, दिल्ली में पायलट की यात्रा को लेकर कांग्रेस में गहमागहमी बढ़ गई है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य नेताओं के साथ इस मामले पर मीटिंग की है। रंधावा इस मामले में खड़गे को एक रिपोर्ट सौंपेंगे।

पांच दिन की जनसंघर्ष यात्रा के दूसरे दिन पायलट ने अनुशासनहीनता के आरोपों पर कहा कि वसुंधरा राजे के राज के वक्त हुए करप्शन की जांच की बात उठाना अनुशासनहीनता कैसे हो गया? पायलट ने गहलोत खेमे की तरफ से लगाए जा रहे आरोप पर भी तीखा पलटवार किया है।
सचिन पायलट ने कहा कि मैंने जब अनशन किया तो वसुंधरा राजे के करप्शन के खिलाफ किया। मुझे समझ में नहीं आता कि यह पार्टी के अनुशासन को लांघने का केस कैसे बनता है? अनुशासन तोड़ने का काम तो 25 सितंबर को किया गया था, जब सोनिया गांधी के स्पष्ट आदेश थे दोनों पर्यवेक्षक विधायक दल की बैठक करवाने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास पर बैठक रखने के बावजूद वह क्यों नहीं हो पाई? बाद में विधायकों ने इस्तीफे दिए। स्पीकर ने कोर्ट में कहा कि इस्तीफे रिजेक्ट इसलिए करने पड़े, क्योंकि विधायकों ने खुद की मर्जी से नहीं दिए थे। फिर किसकी मर्जी से दिए गए थे? क्या दबाव था? जहां तक बात अनुशासन की है तो मापदंड सबके लिए बराबर होना चाहिए। जब हमारे साथी विधायकों ने इस्तीफे दिए, तब क्या सरकार संकट में नहीं आ गई थी।

आपको अटकलें लगाने की जरूरत नहीं
11 जून को कांग्रेस छोड़ने की अटकलों के सवाल पर पायलट ने कहा कि आप सबको अटकलें लगाने की जरूरत नहीं है। मैं जो भी कहता करता हूं सबके सामने रखकर करता हूं, मैं छुपा- छुपी का गेम नहीं खेलता हूं। मैं जो बोला है सबके सामने बोला है। मैं डबल मीनिंग वाली बातें भी नहीं करता। मेरी मांग सामूहिक है, व्यक्तिगत नहीं है। मुझे पद की लालसा नहीं है। पार्टी ने बहुत हद तक बहुत कुछ दिया है। मेरा घोर विरोधी भी निष्ठा और ईमानदारी पर उंगली नहीं उठा सकता। हमें नौजवानों की बात सुननी पड़ेगी। नौजवानों के लिए संघर्ष करने में पहले कभी कमी थोड़ी ना आगे छोडूंगा, बाकी चुनाव में हार जीत चलती रहती है। गहलोत की लीडरशिप पर बोले- पार्टी सत्ता में होती है तो चुनावों में उट ही चेहरा होता है। इस बार का विधानसभा चुनाव गहलोत के नेतृत्व में लड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा कि जब पार्टी सत्ता में होती है तो मुख्यमंत्री ही चेहरा होता है। जब भाजपा सरकार में थी तो चेहरा वसुंधरा जी थीं या अशोक परनामी थे, स्वाभाविक है वसुंधरा राजे ही चेहरा थीं। सत्ता में मुख्यमंत्री और जब विपक्ष में होते हैं तो पार्टी का अध्यक्ष ही चेहरा होता है और आमतौर पर लीड करता है। पिछले 25 सालों में जब-जब भी सरकार कांग्रेस की रही है, हम हारे हैं। मैंने अपने सुझावों से हाईकमान की बनाई कमेटी को अवगत करवा रखा है। हम सब चाहते हैं कि सरकार रिपीट हो।