मर्यादा, अनुशासन एवं नैतिकता का पालन करते हुए जनसेवक करें अपने कार्यों का निर्वहन: मुख्य सचिव

मर्यादा, अनुशासन एवं नैतिकता का पालन करते हुए जनसेवक करें अपने कार्यों का निर्वहन: मुख्य सचिव

जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि जनसेवक के रूप में प्रत्येक अधिकारी को मर्यादा, अनुशासन एवं नैतिकता का पालन करते हुए अपनी भूमिका का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की है कि कार्यस्थल एवं कार्यस्थल के बाहर भी अधिकारी पद, आचरण एवं सेवा की गरिमा को बनाए रखें। पंत शुक्रवार को शासन सचिवालय में कमेटी ऑफ सेक्रेटरीज की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी नियमित रूप से अपने विभागों का औचक निरीक्षण करें एवं विभागीय कार्यों की निरंतर समीक्षा करते रहें जिससे योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।

उन्होंने प्रदेश में सुशासन एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने की दिशा में जयपुर विद्युत् वितरण निगम द्वारा शुरू की गई पहल की सराहना की एवं आमजन से सीधे जुड़े अन्य विभागों को भी इस तरह के नवाचार अपनाने के लिए कहा। जयपुर डिस्कॉम ने नए घरेलू विद्युत कनेक्शन की सेवा की संतुष्टि का स्तर जानने तथा इनमें सुधार को लेकर उपभोक्ताओं से फीडबैक लेने की पहल की है। इसके अंतर्गत घरेलू विद्युत कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं से बिजली मित्र मोबाइल एप्लीकेशन पर कनेक्शन प्राप्त करने के अनुभवों का फीडबैक लिया जा रहा है।

इसी प्रकार शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी राजन विशाल ने बताया कि किसानों को कृषि संबंधी तकनीक एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी के उद्देश्य से विभाग द्वारा कृषि ज्ञान धारा 2.0 कार्यक्रम चलाया गया है। विभागीय यू-ट्यूब चैनल पर प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषि संबंधी जानकारियां देकर कृषकों से संवाद किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सैंकडों किसान इस कार्यक्रम के द्वारा लाभान्वित हो चुके है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, श्रीमती श्रेया गुहा ने बताया कि राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) ने अपनी नई पहल उन्नति इन्क्यूबेशन हब के तहत हाल ही में भारतीय शिल्प एवं डिजाइन संस्थान, जयपुर (आईआईसीडी) के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू किया है। इस एमओयू से प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के कौशल विकास, नवाचार, उत्पाद विविधीकरण एवं विपणन सशक्तीकरण को बढ़ावा मिल सकेगा। इसी प्रकार अन्य अधिकारियों ने भी अपने विभागों द्वारा शुरू किये गए नवाचारों के संबंध में जानकारी दी।

मुख्य सचिव ने बताया कि बजट घोषणाओं की कुल 39 नीतियों में से 23 नीतियां जारी की जा चुकी हैं, जबकि विभिन्न विभागों के स्तर पर 16 नीतियां जारी किया जाना प्रक्रियाधीन है। इसी प्रकार कुल 14 अधिनियमों में से 6 अधिनियमों की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है ।

मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि खेल नीति-2024, राजस्थान रोजगार नीति-2025, एग्रो प्रोसेसिंग नीति- 2024, नवीन आयुष नीति, राजस्थान व्हीकल स्क्रैप नीति, उद्योग नीति-2024, ग्रीन ग्रोथ क्रेडिट नीति, राजस्थान ट्रेड प्रमोशन पॉलिसी सहित कुल 16 लंबित नीतियों को शीघ्रता से लागू करने के लिए सक्रिय प्रयास किए जाएं एवं इन नीतियों की प्रगति को नियमित रूप से सीएमआईएस पोर्टल पर अपडेट किया जाए ताकि पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित हो सके।

साथ ही मुख्य सचिव ने नया आबकारी कानून, ई कॉमर्स और ऑनलाइन सेवा प्रदायगी कानून, एग्रीगेशन ऑफ प्राइवेट लैंड एक्ट, राजस्थान नागरिक सुरक्षा अधिनियम और लोक विश्वास अधिनियम सहित कुल 8 लंबित अधिनियमों के क्रियान्वयन के लिए त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए।

पंत ने भूमि उपयोग परिवर्तन प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बनाने एवं वाणिज्यिक भूखंडों में भूमि की हानि को कम करने के उद्देश्य से भवन विनियमों में आवश्यक संशोधनों को निश्चित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ खतरनाक उद्योगों में महिलाओं के काम करने पर लगे हुए प्रतिबंधों में ढिलाई देकर उन्हें रोजगार के समान अवसर प्रदान करने की दिशा में संशोधन किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ढिलाई कि बिजली और जल कनेक्शन की प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए ऑनलाइन आवेदन, भुगतान और ट्रैकिंग की सुविधा शुरू कर आमजन को लाभांवित करना सुनिश्चित करें।

बैठक में पंत ने विभिन्न विभागों से सम्बंधित नीतियों एवं अधिनियमों की वर्तमान स्थिति के संबंध में समीक्षा की एवं इन्हे निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार के सभी विभागों एवं एजेंसियों में सार्वजनिक खरीद प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, दक्ष एवं नियम आधारित बनाने के उद्देश्य से लागू जैम पोर्टल (Government e-Marketplace) की क्रियान्विति एवं देश में राज्य की रैंकिंग को लेकर चर्चा की। उन्होंने आगामी समय में होने वाले मुख्य सचिवों के पांचवे राष्ट्रीय सम्मलेन को लेकर अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक तैयारियों के संबंध में दिशा निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीण एवं शहरी सेवा शिविर, अधिकारियों के ई-फाइल का औसत निस्तारण समय एवं भर्ती प्रक्रिया पर जानकारी ली।

प्रमुख शासन सचिव वित्त वैभव गालरिया ने विभिन्न विभागों एवं स्वायत्त संस्थाओं द्वारा विकास कार्यों पर किये गए खर्च की विधानसभा क्षेत्रवार प्रगति के संकलन हेतु विकसित किये जा रहे (CM- WMS Chief Minister's Work Management System Module) की जानकारी दी और बताया कि आगामी 1 दिसम्बर को इसे लाइव किया जाना प्रस्तावित है।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता श्रीमती अपर्णा अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती श्रेया गुहा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण आनंद कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण विभाग प्रवीण गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह भास्कर आत्माराम सावंत सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।