पांच स्तरों पर जांच कर पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है: महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री

पांच स्तरों पर जांच कर पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है: महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री

जयपुर।  महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मंजू बाघमार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि पोषाहार योजना राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पांच स्तरों पर नमूनों की प्रयोगशाला जांच की जाती है। जाँच में पोषाहार के अमानक पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही कर पोषाहार को वापस कर बदला जाता है एवं आपूर्तिकर्ता पर जुर्माना भी लगाया जाता है। 

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक का जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2023 में जयपुर एवं जनवरी 2024 में भरतपुर जिले में पोषाहार नमूनों की जाँच में 9 नमूने अमानक पाए गए। जिन पर कार्यवाही कर विभाग द्वारा सम्बंधित आपूर्तिकर्ता पर 44 लाख 72 हजार की राशि का जुर्माना आरोपित किया गया। 

इससे पहले विधायक कालीचरण सराफ के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने प्रदेश में गत 5 वर्षों में कुपोषित बच्चों की संख्या का जिलेवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा कुपोषण को दूर करने हेतु किये जा रहे समेकित प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या में निरंतर कमी हो रही है, इसका विवरण उन्होंने सदन के पटल पर रखा। 

उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी जिलों में समान रूप से विभाग द्वारा केन्द्रीकृत रूप से पूरक पोषाहार की आपूर्ति की जा रही है। पूरक पोषाहार की रेसिपियां भारत सरकार द्वारा निर्धारित वित्तीय एवं पोषणीय मापदण्डों के अनुसार तय की गई है। विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया जा रहा पूरक पोषाहार माईक्रोन्यूट्रियन्ट फोर्टिफाईड एवं गुणवत्तापूर्ण है। पूरक पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रयोगशाला जांच उपरान्त ही आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। श्रीमती बाघमार ने बताया कि पोषाहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पांच स्तरों पर नमूनों की प्रयोगशाला जांच की जाती है। 

इन पांच स्तरों के तौर पर पोषाहार उत्पादन स्थल पर स्थित इन हाउस लैब में, पोषाहार उत्पादनकर्ता द्वारा एनएबीएल अनुमोदित प्रयोगशाला से जांच, विभागीय अधिकारियों द्वारा उत्पादन स्थल से नमूने एकत्रित कर एनएबीएल अनुमोदित प्रयोगशाला से जांच, कॉनफेड द्वारा स्वयं के स्तर से उत्पादन स्थल से नमूने एकत्रित कर एनएबीएल अनुमोदित प्रयोगशाला से जांच, आंगनबाडी केन्द्रों पर आपूर्ति के उपरान्त विभागीय अधिकारियों द्वारा रेण्डमली नमूने एकत्रित कर एनएबीएल अनुमोदित प्रयोगशाला से जांच कराई जाती है। उन्होंने बताया कि यह प्रयोगशाला जांचें पृथक-पृथक एनएबीएल अनुमोदित प्रयोगशालाओं से कराई जा रही है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सही गुणवत्ता का ही पोषाहार स्वीकार करने के निर्देश दिये गये हैं। आपूर्ति के दौरान यदि गुणवत्ता में कमी देखी जाती है तो तुरन्त सामग्री बदलवा कर ही प्राप्त की जाती हैं।

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