वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट, जानें किसको क्या मिला

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया बजट, जानें किसको क्या मिला

किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा

100 जिलों के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ

मखाना विकास बोर्ड के गठन का ऐलान 

नई दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक बजट था। सरकार ने इस बजट में कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को विकास के चार इंजन बताए हैं।

वेतनभोगियों के लिए बड़ा ऐलान 

वित्तमंत्री ने इस बजट में वेतनभोगी करदाताओं के लिए बड़ा ऐलान किया। नई कर व्यवस्था में 12 लाख रुपए तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। किसानों के लिए प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की। इससे देश के 100 जिलों के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। बिहार में मखाना पैदा करने वाले किसानों के लिए मखाना विकास बोर्ड के गठन का ऐलान किया है। वहीं कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को राहत देते हुए 36 दवाओं पर से टैक्स हटाने की घोषणा की।

12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं

नौकरी करने वाले लोगों को अब 12.75 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं देना होगा। इससे निवेश और बचत में भी इजाफा होगा। प्रत्यक्ष कर में दी गई इस छूट से सरकारी खजाने पर एक लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। 

अलग-अलग कर स्लैब में भी बदलाव का प्रस्ताव

12 लाख की इनकम टैक्स वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा. 
12 से 16 लाख की इनकम पर 15 फीसदी का टैक्स लगेगा. 
16 से 20 लाख की इनकम पर 20 फीसदी का टैक्स लगेगा. 
20 से 24 लाख पर 25 फीसदी का टैक्स लगेगा.
24 लाख रुपये से ऊपर की सालाना आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा. 

किसानों के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना का ऐलान

वित्तमंत्री ने किसानों के लिए पीएम धन धान्य कृषि योजना का ऐलान किया। यह योजना के 100 जिलों में राज्य सरकारों के सहयोग से चलाई जाएगी। ये वे जिले होंगे, जिनमें कृषि उत्पादकता कम है। इससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा। 

मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा

बजट में वित्त मंत्री ने बिहार में मखाना का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने की घोषणा की। इसका मकसद मखाने की खेती करने वाले किसानों की मदद करना और मखाना की पैदावार बढ़ाना है। 

किसानों से चार साल के दौरान सभी दलहन खरीदी जाएगी

लोकसभा में शनिवार को अपना आठवां बजट में सरकार ने किसानों के लिए कई ऐलान किए हैं। सरकार का ध्यान अगले 6 साल तक मसूर, तुअर (अरहर) जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने पर रहेगा। वित्तमंत्री ने कहा कि खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए सरकार राष्ट्रीय तेल मिशन चला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 10 साल पहले हमने ठोस प्रयास किए थे। इससे दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल हुई थी। तब से आय में वृद्धि और बेहतर आर्थिक क्षमता की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से चार साल के दौरान सभी दलहन खरीदी जाएगी। 

कपास की पैदावार बढ़ाने पंचवर्षीय योजना चलाएगी सरकार

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार पांच साल की एक योजना चलाएगी। इससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत बनेगा। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये तक करने की घोषणा की है। इससे किसानों, पशुपालकों और मत्स्यपालकों को छोटी अवधि का कर्ज मिलता है। वित्तमंत्री ने घोषणा की है कि छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

असम में लगेगा यूरिया कारखाना

सरकार ने असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला यूरिया कारखाना लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में बंद पड़े यूरिया कारखानों को खोलना का दावा किया है।  सरकार ने सहकारी क्षेत्र के लिए कर्ज उपल्बध कराने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को समर्थन देगी।

एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी

वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों (एमएसएमई) को भारत के विकास का दूसरा इंजन बताया। उन्होंने कहा कि यह सेक्टर साढ़े सात करोड़ लोगों को रोजगार देता है। उन्होंने कहा कि देश के कुल निर्यात में इस क्षेत्र का हिस्सा 45 फीसदी का है। निर्माण क्षेत्र में इसका योगदान 36 फीसदी का है। एमएसएमई के लिए वित्तमंत्री ने घोषणा की कि एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी।  समृद्ध एमएसएमई युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का विश्वास देगा। 

फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू की जाएगी

सरकार ने फुटवियर और लेदर क्षेत्र के लिए फोकस प्रोडक्ट स्कीम शुरू की जाएगी। इसका मकसद उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है। इससे 22 लाख लोगों को रोजगार मिलने, चार लाख करोड़ रुपये का टर्नओवर और 11 लाख करोड़ रुपये का निर्यात होने की संभावना है।

महिला विकास के लिए विशेष प्रावधान

वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार ने पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों के  लिए पहली बार एक योजना का ऐलान किया है। इसके तहत अगले पांच साल दो करोड़ रुपये तक का टर्म लोन दिया जाएगा। इसके तहत उद्यमिता और प्रबंधन कौशल के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी।

निर्यात भारत के विकास का चौथा इंजन

देश के निर्यात को बढावा देने के लिए एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की स्थापना की है। 100 फीसदी तक इंश्योरेंस में निवेश की सीमा की गई। पहले यह 74 फीसदी थी। इंडिया पोस्ट बैंक की क्षमता ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ाई जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आयातकों, निर्यातकों के लिए माल की निकासी के बाद स्वैच्छिक रूप से महत्वपूर्ण तथ्यों की घोषणा करने के लिए एक नए प्रावधान की घोषणा की। केंद्रीय बजट 2025-26 में सीमा शुल्क अधिनियम के तहत अस्थायी मूल्यांकन को अंतिम रूप देने के लिए दो साल की समय सीमा निर्धारित की गई है, जिसे एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। 

आजादी के 100वें साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने एक बार फिर विकसित भारत की बात की। इसका सपना उन्होंने लाल किले की प्राचीर से देखा है। पीएम मोदी की सरकार इस दिशा में तभी से काम कर रही है। विकसित भारत का उद्देश्य आजादी के 100वें साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है। इस दृष्टिकोण में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलुओं का शामिल को किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट विकसित भारत के सपने के लिए एक नया विश्वास पैदा करेगा, नई ऊर्जा देगा। इससे लगता है कि सरकार इस बजट में विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए कई सुधारों का ऐलान कर सकती हैं।

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