उदयपुर की जनसभा में राहुल बोले- मोदी की गारंटी मतलब अडानी की गारंटी
उदयपुर, राहुल गांधी उदयपुर के वल्लभनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य था भाजपा की फैलाई नफरत को खत्म करने का। हमारा देश भाईचारे का देश है। हमने यात्रा में नारा दिया कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है। भाजपा का नफरत क्यों फैलाती है? इसका कारण है बेरोजगारी और महंगाई से ध्यान हटाना है। भाजपा और आरएसएस चाहते हैं कि दलित-गरीबों को धन न मिल जाए। ये चाहते हैं कि पूरा का पूरा धन अरबपतियों के हाथ में रहे। आदिवासी-पिछड़े लोग इसके बारे में सवाल न उठाएं। हम आपको आदिवासी कहते हैं और वो आपको वनवासी कहते हैं।
भारत माता के पहले मालिक थे आदिवासी
आदिवासी वो लोग हैं जो इस भारत माता के पहले मालिक थे। जबकि वनवासी का मतलब वो लोग जो जंगल में रहते हैं। वनवासी के कोई अधिकार नहीं हैं। ये लोग तो जानवर जैसे होते हैं क्योंकि इनका किसी पर कोई अधिकारी नहीं होता। भाजपा के नेता को कभी आपने किसी जानवर पर पेशाब करते देखा है, नहीं देखा होगा। लेकिन आपने मध्य प्रदेश में भाजपा के विधायक को एक आदिवासी पर पेशाब करते देखा होगा। ये इनकी सोच है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदीजी कहते है कि देश में एक ही जात है वो है गरीब। हालांकि, वो दूसरी एक और जात की जानकारी नहीं देते जो अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों की भी है। वहीं, नरेंद्र मोदी आपका ध्यान भटका रहा है और अडानी आपकी जेब काट रहा है। सारी स्कीम अडानी के लिए चलाईं जा रही हैं।
आदिवासी युवा पायलट बनना चाहता है, उसका हक बनता है
अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे भाजपा नेताओं के बच्चे अच्छे इंग्लिश स्कूलों में पढ़ते हैं। वहीं, वे आदिवासी बच्चों को नहीं पढऩा देना चाहते। मैं चाहता हूं कि आदिवासी युवा अगर पायलट बनना चाहता है, अमेरिका जाना चाहता है उसका हक बनता है। आप असली मालिक हो इस जमीन के हक बनता है।
आपको अधिकार देने के लिए कांग्रेस पार्टी ट्राइबल बिल, मनरेगा लाई
कांग्रेस पार्टी ट्राइबल बिल, मनरेगा लाई आपको अधिकार देने के लिए। बीजेपी ने जमीन अधिग्रहण बिल रद्द कर दिया और आप पर पेशाब करके कहते हैं आप आदिवासी हो। पहले नरेंद्र मोदी हर भाषण में कहता था कि आप वनवासी हो। जैसे ही मैंने ये बात बोली कि वनवासी और आदिवासी में फर्क है और नरेंद्र मोदी खबरदार आपने वनवासी शब्द का प्रयोग किया। उसके बाद नरेंद्र मोदी ने इस शब्द का प्रयोग बंद कर दिया। जब तक कांग्रेस पार्टी है आपको सारे अधिकार दिलवाएं जाएंगे।
अडानी-अंबानी की अलग जात
इन लोगों को अधिकार और भागीदारी देने के लिए मैंने पार्लियामेंट में बात की। इनको ये अधिकार देना जरूरी और हिंदुस्तान का धन कितना आदिवासियों और दलितों के पास है ये पता लगाना पड़ेगा। इसके बिना भागीदारी की बात करना बिल्कुल खोखला है। मैंने पार्लियामेंट में कहा कि पहला कदम देश का एक्स-रे करना है। देश में आदिवासियों-दलितों का दर्द दूर करने के लिए जाति जनगणना जरूरी है। मैंने पार्लियामेंट में नरेंद्र मोदीजी को बोला कि यूपीए के समय हमने ये आंकड़े निकाले थे आप जारी करो। जिस दिन मैंने ये बात की उस दिन से उनके भाषण बदल गए। पहले कहते थे मैं ओबीसी हूं अब कहते हैं कि हिंदुस्तान में केवल एक ही जात है वो है गरीब। हालांकि, उन्होंने दूसरी बात नहीं कही कि एक जात अगर एक जात है गरीब है तो दूसरी जात अरबपतियों की है। अडानी-अंबानी की अलग जात है।
जीएसटी में जो पैसा आता है उसमें 50 प्रतिशत पिछड़ों का
देश में किसको कितना पैसा मिलेगा ये केवल देश के 90 अफसर तय करते हैं। इनमें से केवल 3 अफसर पिछले वर्ग से आते हैं। अगर हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो ये तीन अफसर केवल 10 पैसे पर निर्णय लेते हैं। नरेंद्र मोदी की स्कीम की बात करता हूं फसल बीमा योजना। इस योजना का पैसा आता है जीएसटी से। आदिवासी-पिछड़े या सामान्य वर्ग के लोग एक लीटर पेट्रोल खरीदते हैं तो जीएसटी देते हैं और अडानी भी उतनी ही जीएसटी दे रहा है जितनी आप देते हो। वो अरबपति है, लेकिन जीएसटी एक ही है। जीएसटी में जो पैसा आता है उसमें 50 प्रतिशत पिछड़ों का, करीब 15 प्रतिशत दलितों और करीब 12 प्रतिशत आदिवासियों का। फसल बीमा योजना में 35 हजार करोड़ लगता है। इसमें 20 हजार करोड़ दिल्ली सरकार देती है, 10 हजार करोड़ स्टेट की सरकार देती है जीएसटी से और 5 हजार करोड़ किसान देता है। अब नरेंद्र मोदी की सरकार ये पूरा 35 हजार करोड़ 16 कंपनियों को दे देती है। इनमें एक दलित या आदिवासी नहीं है।
किसानों का पैसा नुकसान होने पर किसानों को ही नहीं मिलता
जब किसानों को नुकसान होता है तो ये 16 कंपनियां पैसा नहीं देती हैं। जबकि पैसा किसानों का ही है। कभी आपने किसी किसान या मजदूर को टीवी पर देखा है, नहीं दिखेगा। शाहरूख, ऐश्वर्या या क्रिकेट मैच दिख जाएगा, लेकिन किसान नहीं दिखेगा। उधर उत्तराखंड में मजदूर फंसे हुए जमीन के नीचे, लेकिन टीवी पर केवल क्रिकेट दिख रहा है, थोड़ा उन मजदूरों को भी दिखा दो। मीडिया में नरेंद्र मोदी का 24 घंटे चेहरा आता है क्योंकि मोदीजी अडानी-अंबानी का काम करते हैं। ये अच्छा सौदा है अडानी-अंबानी इनका चेहरा दिखाते हैं ये सारा जीएसटी का पैसा उधर भेजते हैं।
मोदी ने कोविड में सब को नचाया, थाली बजवाई
इतना पैसा जा रहा है आपके जेब से आपको भी पता नहीं लग रहा। कितना पैसा अडानी की जेब में जा रहा है आप सोच नहीं सकते। आपको दर्द हो रहा है, आप बेरोजगार हो रहे है, लेकिन आप समझ नहीं पा रहे हो। ये सारा पैसा अडानी की जेब में जा रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि 15 लाख रुपए आपकी जेब में आएगा, लेकिन नहीं आया। नरेंद्र मोदी ने कोविड में सब को नचाया, थाली बजवाई। इन्होंने कोरोना को फैलाया। मतलब ये एक ड्रामा है। आपका ध्यान कभी इधर जाएगा कभी उधर। जेब कतरा जो करता है, वहीं आपके साथ हो रहा है। नरेंद्र मोदी का काम आपका ध्यान इधर-उधर करने का है पीछे से अडानी जेब काट लेता है। ये एक टीम है। आपको कहा जाता है हिंदू-मुस्लिम। आप इसमें लगते हो पीछे से अडानी ने जेब काट ली। आपको कहते हैं देखो शाहरुख डांस कर रहा है, पीछे से आपकी जेब कट जाती है।
भाजपा की सारी स्कीम अडानी वाली स्कीम
राजस्थान की किसी स्कीम में अडानी को एक पैसा नहीं मिल रहा है। अगर वो मजदूरी करेगा तो उसे मनरेगा में पैसा मिलेगा, मजदूरी वो करने वाला नहीं है। मजूदरी करेगा तो वो बेहोश हो जाएगा, जमीन में लेट जाएगा, उसे पानी पिलाना पड़ेगा। कांग्रेस की सारी स्कीम गरीब-पिछडों के लिए है। भाजपा की सारी स्कीम अडानी वाली स्कीम है। मोदी की गारंटी मतलब अडानी की गारंटी। मोदी की गारंटी है कि आपका ध्यान भटका दूंगा। पीछे से अडानी जेब काट लेगा। ये पूरा देश जानता है। हमारी राजस्थान में 7 गारंटी है। सबसे पहले महिलाओं को हर साल 10 हजार रुपए मिलेगा। एक रुपया इसमें अडानी को नहीं जाएगी। सिलेंडर यहां 400 रुपए का हो जाएगा, एक रुपया अडानी को नहीं। चिरंजीवी योजना में चुनाव के बाद 50 लाख तक का इलाज हो जाएगा।