पशुपालकों के सेवा के साथ आगे बढ़ रहा राजस्थान— सचिव, पशुपालन
जयपुर। पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग के शासन सचिव श्री कृष्ण कुणाल ने कहा कि राज्य में पशुपालन के क्षेत्र में लगातार सकारात्मक परिवर्तन हो रहे हैं। जिसके तहत अब राज्य में पशुपालन के समग्र विकास के लिए नए रास्ते खुले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नीतियों में हमेशा से ही पशुपालकों को महत्वपूर्ण स्थान दिया है, इसलिए शीघ्र ही प्रक्रियाधीन बजट घोषणाओं की क्रियान्विति की जाकर आधिकाधिक पशुपालकों को लाभान्वित किया जाना सुनिश्चित करना होगा। इस मौके पर उन्होंने राज्य में खोले जाने वाले भ्रूण प्रत्यारोपण केंद्र एवं बायो सिक्योरिटी लैब-3 की प्रगति समीक्षा भी की।
शासन सचिव गुरुवार को पशुधन भवन में पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग की बजट घोषणाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वर्ष 2019-2020 से लेकर वर्ष 2022-2023 तक की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा करते हुए कि राज्य का पशुपालक राज्य सरकार की योजनाओं एवं मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पशुपालकों के प्रति कल्याणकारी सोच से वाकिफ हैं, इसीलिए विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि राज्य के प्रत्येक पशुपालक को सरकार की प्रत्येक योजनाओं से लाभान्वित किया जाये।
राज्य में उच्च स्तरीय एवं बेहतर पशु चिकित्सा शिक्षा के अवसर—
इस दौरान शासन सचिव ने राज्य में पशु चिकित्सा शिक्षा के महाविद्यालयों एवं आगामी दिनों में खोले जाने वाले महाविद्यालयों की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य में उन्नत नस्लीय पशुधन एवं पशुधन उत्पाद में वृद्धि हो रही है, उससे साफ़ तौर पर यह कहा जा सकता है की राज्य पशु चिकिस्ता शिक्षा के बेहतर संसाधनों से परिपूर्ण है एवं उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए समुचित पर्यावरण भी मौजूद है कि ऐसे में शीघ्र ही प्रक्रियाधीन पशु चिकित्सा महाविद्यालयों को खोने की कार्यवाही पूर्ण की जावे ताकि युवा पीढ़ी पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य के सपने बुन सके। इस मौके पर अतिरिक्त निदेशक डॉ आनंद सेजरा ने बताया की गत वर्षों में राज्य में कुल 123 पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले गए है।
-शीघ्र ही 108 की तर्ज पर 102 मोबाइल वेटेनरी सेवा होगी शुरू
- पशुपालकों को घर पर ही संभव होगा पशुओं का इलाज
इस मौके पर शासन सचिव ने कहा कि राज्य में अब 108 की तर्ज पर 102 मोबाइल वेटेनरी सेवा शुरू की जाएगी। इस सेवा के तहत पशुपालकों को उनके पशुओं का इलाज समय पर बिना किसी परेशानी के उनके घर पर मिल सकेगा। जिससे पशुधन की मृत्यु दर में कमी आएगी साथ ही पशुओं को समय पर इलाज मुहैया हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस सेवा के जरिये राज्य को उन्नत पशुधन विकास एवं रोग मुक्त पशुधन विकास की और अग्रसर होनी एक नयी राह मिल सकेगी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र समुचित व्यवस्था करते हुए अतिशीघ्र मोबाइल वेटरनरी सेवा शुरू करें।
समय पर टीकाकरण से रोगमुक्त पशुपालन होगा संभव—
श्री कुणाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं के टीकाकरण एवं सामयिक दवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुओं में होने वाली संभावित बीमारियों पर विचार कर समुचित टीकाकरण की व्यवस्था अमल में लायी जाये, ताकि राज्य में पशुपालक रोगमुक्त पशुपालन कर सकें और बेहतर पशुधन उत्पादों में वृद्धि हो ।
चूरू में शीघ्र ही स्थापित होगी एक्वा कल्चर लैब—
श्री कुणाल ने मत्स्य विभाग की बजट घोषणाओं की प्रगति समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए कि राज्य में चूरू में की जा रही झींगा मछली की खेती की वजह से मत्स्य पालन में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। जिसकी वजह से चूरू मत्स्य पालन के लिए महत्वपूर्ण स्थान के रूप पहचान कायम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणा के तहत चूरू में शीघ्र ही एक्वा कल्चर लैब की स्थापना की जाएगी जिससे प्रदेश में बेहतर मत्स्य पालन हो सकेगा ।
इस मौके पर मत्स्य पालन विभाग के निदेशक श्री मेघराज सिंह रतनु, उप सचिव श्रीमती कश्मी कौर, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. भवानी सिंह राठौड़, वित्तीय सलाहकार श्री मनोज शांडिल्य सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।