सऊदी सरकार का फैसला, एग्जाम हॉल में लड़कियां नहीं पहन सकेंगी अबाया
रियाद, सऊदी अरब सरकार के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने गल्र्स स्टूडेंट से जुड़ा एक अहम कदम उठाया है। सऊदी एजुकेशन एंड ट्रेनिंग एवेल्युशन कमीशन ने फैसला किया है कि लड़कियां एग्जाम हॉल में अबाया नहीं पहन सकेंगी। अबाया एक तरह का फुल बुर्का होता है। यह सऊदी अरब की महिलाओं का पारंपरिक लिबास है।
यूनिफॉर्म में ही क्लास में प्रवेश
आदेश में साफ कहा गया है कि एग्जाम हॉल में उन्हीं स्टूडेंट्स को एंट्री दी जाएगी जो स्कूल या कॉलेज द्वारा तय की गई यूनिफॉर्म पहनेंगी। यह यूनिफॉर्म सरकार द्वारा तय नियमों के हिसाब से होनी चाहिए और यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसे पब्लिक प्लेसेज यानी सार्वजनिक जगहों पर पहनने में दिक्कत न हो।
सऊदी सरकार ने 2017 में ईटीईसी की स्थापना की थी
ईटीईसी को सऊदी अरब में आमतौर पर एजुकेशन एवेल्यूशन अथॉरिटी कहा जाता है। यह अथॉरिटी मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के तहत काम करती है। इसका काम मुल्क के एजुकेशन और ट्रेनिंग सिस्टम को बेहतर बनाना और एग्जाम कंडक्ट करना है। सऊदी सरकार ने 2017 में ईटीईसी की स्थापना की थी। पहले यह इंडिपेंडेंट बॉडी थी। बाद में इसे मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन का हिस्सा बना दिया गया। इस बॉडी की जरूरत इसलिए महसूस हुई, क्योंकि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान एजुकेशन सेक्टर को मॉडर्न बनाना चाहते थे। इसके लिए सरकार ने खासतौर पर ऑर्डर नंबर 120 जारी किया था। सऊदी सरकार के नियमों के मुताबिक, ऑर्डर नंबर 120 के तहत किए जाने वाले आदेश का सख्ती से पालन करना होता है। इन ऑर्डर के जरिए बनाई गईं कमेटी या संस्थाएं सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती हैं। सलमान क्राउन प्रिंस होने के साथ ही प्रधानमंत्री भी हैं।
मोहम्मद बिन सलमान महिलाओं को धीरे-धीरे दे रहे हैं आजादी
सलमान के मुताबिक- अगर महिलाओं का लिबास सऊदी अरब की इस्लामिक परंपरा के हिसाब से सही है तो उन्हें अबाया पहनने की जरूरत नहीं है। लिबरल रूलर कहे जाने वाले सलमान ने महिलाओं को ड्राइविंग और स्पोट्र्स इवेंट्स में शिरकत जैसे अधिकार भी दिए हैं। रियाद के कुछ शॉपिंग मॉल्स में तो अब महिलाएं बिना अबाया के नजर भी आती हैं। 2016 में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान सत्ता में आए थे। उनके आने के बाद से महिलाओं को धीरे-धीरे आजादी दी जा रही है। प्रिंस की ओर से अर्थव्यवस्था में विविधता लाने का अभियान जारी है। पिछले पांच वर्षों में नौकरी करने वाली महिलाओं की संख्या लगभग दोगुनी हुई है। ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में सऊदी अरब की नौकरी करने वाली महिलाओं 20% थी। वहीं, साल 2020 के अंत तक यह संख्या 33% हो गई।