स्पाइसजेट को पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को ब्याज समेत देनी होगी बकाया रकम: सुप्रीम कोर्ट 

स्पाइसजेट को पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन को ब्याज समेत देनी होगी बकाया रकम: सुप्रीम कोर्ट 

नई दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को स्पाइसजेट एयरलाइन को पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन की बकाया रकम पर ब्याज में राहत देने से इनकार कर दिया है। दरअसल, स्पाइसजेट ने हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच के आदेश के याचिका खिलाफ लगाई गई थी। इस आदेश में सिंगल जज बेंच ने कलानिधि मारन को स्पाइसजेट से मिलने वाले आर्बिट्रल अवॉर्ड पर लगने वाले ब्याज को रद्द करने से इनकार कर दिया था।
काल एयरवेज और इसकी प्रोमोटर कलानिधि मारन को मुकदमे के दौरान पेंडिंग अमाउंट पर 12 प्रतिशत ब्याज मिलना है। जबकि फाइनल डेट के बाद स्पाइसजेट और चेयरपर्सन अजय सिंह को 18 प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा। यह रकम भी अवॉर्ड डेट के दो महीने के भीतर चुकानी होगी।
स्पाइसजेट का कहना था कि वे फंड्स की कमी के चलते मारन को बकाया नहीं चुका पाए और अगर कंपनी दिवालिया हो जाती, तो मारन ऑपरेशनल क्रेडिटर बन जाते, इससे भी उन्हें कोई फायदा नहीं होता। डिवीजन बेंच ने कहा कि वे सिंगल जज बेंच के ऑर्डर पर स्टे नहीं लगा सकते, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को मारन को दिए जाने वाले पेमेंट में एक्सटेंशन देने से इनकार कर दिया था। कलानिधि मारन काल एयरवेज के प्रोमोटर हैं।

31 जुलाई को हाईकोर्ट ने 2018 के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को बरकरार रखा था
31 जुलाई को हाईकोर्ट ने 2018 के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड को बरकरार रखा था, जिसके तहत स्पाइसजेट को काल एयरवेज और इसके चेयरपर्सन मारन को 578 करोड़ रुपए चुकाने थे। कोर्ट ने एयरलाइन को आदेश दिया था कि वे 308 करोड़ रुपए ब्याज के साथ मारन को चुकाएं और 270 करोड़ रुपए कमलेटिव रिडीमेबल प्रिफरेंस शेयर के तौर चुकता करें।

मारन को 380 करोड़ देने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 7 जुलाई को स्पाइसजेट लिमिटेड को कलानिधि मारन को 380 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था। तब कोर्ट ने स्पाइसजेट को भुगतान के लिए और समय देने से भी इनकार कर दिया था। यह मामला 7 साल पुराना है और शेयर ट्रांसफर विवाद से जुड़ा है। 2018 के आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के तहत मारन ने एयरलाइन कंपनी से 362.49 करोड़ रुपए लेने का दावा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को स्पाइसजेट को इसके ब्याज के रूप में 75 करोड़ रुपए मारन को देने का आदेश दिया था।

कोर्ट ने स्पाइसजेट की याचिका की थी खारिज
स्पाइसजेट ने भुगतान करने की अवधि को आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि कंपनी यह पैसा देना ही नहीं चाहती है, इसलिए इस तरह के अड़ंगे डाल रही है।

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