15 को जारी हो सकती है भाजपा के बचे हुए प्रत्याशियों की सूची, खतरे में 6 मंत्रियों समेत 40 विधायकों के टिकट!

15 को जारी हो सकती है भाजपा के बचे हुए प्रत्याशियों की सूची, खतरे में 6 मंत्रियों समेत 40 विधायकों के टिकट!

भोपाल। मप्र में भाजपा शेष बची 94 सीटों पर 15 अक्टूबर के बाद प्रत्याशियों की घोषणा करेगी। इन सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल करने के लिए 15 अक्टूबर को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। भाजपा ने अब तक अधिकतर हारी सीटों समेत सर्वे रिपोर्ट में जीतने वाले उम्मीदवारों के नाम के साथ 136 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुका है। अब भाजपा को सिर्फ 94 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करनी है। इसमें 67 मौजूदा विधायकों की सीटें बाकी हैं। इसमें आठ शिवराज सरकार के मंत्री भी शामिल हैं। वहीं, मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया पहले ही स्वास्थ्य कारणों से चुनाव लडऩे से इंकार कर चुकी हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि 6 मंत्रियों समेत करीब 40 विधायकों का टिकट खतरे में है।

चौथी सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत 25 मंत्रियों को टिकट दिया 
प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री सहित 34 मंत्री हैं। चौथी सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत 25 मंत्रियों को टिकट दिया है। वहीं 15 अक्टूबर को शाम 6 बजे दिल्ली में भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होगी। जिसमें मप्र के शेष प्रत्याशियों के नामों पर मंथन किया जाएगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि महू से विधायक और शिवराज कैबिनेट में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की रिपोर्ट सर्वे में ठीक ठाक है। पार्टी उनको इंदौर-3 से चुनाव में उतार सकती है। ठाकुर इंदौर-3 से पहले भी विधायक रह चुकी हैं। हालांकि, पार्टी सभी पहलुओं को देखकर निर्णय लेने के लिए अभी टिकट होल्ड कर दिया है। वहीं एक महीने पहले मंत्री पद की शपथ लेने वाले गौरी शंकर बिसेन को पार्टी दोबारा चुनाव में उतार सकती है। बालाघाट से विधायक बिसेन अपनी जगह अपनी बेटी मौसम बिसेन को टिकट देने की वकालत कर चुके हैं। चर्चा है कि पार्टी अब इसको लेकर विचार कर रही है।

कई मंत्रियों का टिकट खतरे में
भाजपा सूत्रों का कहना है कि जिन छह मंत्रियों का टिकट खतरे में हैं उन्हें पहले से सचेत कर दिया गया था। शुजालपुर से विधायक और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व दोनों के सर्वे में परमार की रिपोर्ट ठीक नहीं है। ये नरेंद्र सिंह तोमर करीबी हैं। इनकी पुरानी सीट कालापीपल से लड़ाने की भी चर्चा है। यही वजह है कि उनके टिकट को होल्ड कर दिया गया है। गुना के बमोरी से विधायक और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया सर्वे रिपोर्ट में जनप्रतिनिधि की छवि वाले क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठ रहे। वहीं, उनके खिलाफ शिकायतें भी मिली हैं। सतना के अमरपाटन से विधायक और पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल के लिए भी इस बार चुनौतीपूर्ण हालात हैं। अशोकनगर मुंगावली से विधायक और लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव की सर्वे रिपोर्ट में ठीक नहीं है। यहां से गुना सांसद केपी यादव को चुनाव लड़ाने की चर्चा है। हालांकि, यादव विधानसभा का चुनाव लडऩे से मना कर रहे हैं। शिवपुरी जिले के पोहरी से विधायक और लोक निर्माण विभाग के राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ को भी चुनौती है। सर्वे रिपोर्ट में उनको नुकसान हो रहा है। भिंड जिले के मेहंगाव से विधायक और नगरीय विकास एवं आवास के राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया के लिए भी हालात चुनौतीपूर्ण हैं।

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