Tokyo Olympics: पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, चीनी शटलर को हराकर जीता ब्रॉन्ज मेडल
नई दिल्ली। भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) भले ही गोल्ड मेडल नहीं जीत पाई हैं लेकिन ब्रॉन्ज मेडल (Bronze Medal) जीतने में सफल हो गई हैं। सिंधु ने दोनों सेटों में चीन की शटलर हे बिंगजिआओ (He Bing Jiao) को 21-13 और दूसरा सेट 21-15 से जीतकर इतिहास रच दिया है। रियो ओलंपिक में भी सिंधु ने सिल्वर मेडल जीता था। सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में पदक जीकर ऐतिहासिक कमाल भी कर दिखाया है। सिंधु भारत की इकलौती ऐसी महिला खिलाड़ी बन गए हैं, जिनके नाम अब ओलंपिक में दो व्यक्तिगत मेडल जीतने का अनोखा कमाल दर्ज है। रियो ओलंपिक में भी सिँधु ने कमाल का परफॉर्मेंस दिखाया था। सिंधु के पदक जीतने के साथ ही भारत को अब ओलंपिक में दो मेडल आ गए हैं।
दूसरे गेम में भी पीवी सिंधु ने बढ़त बनाने का काम किया है। इस मैच में सिंधु पुरानी गलतियों को नही दोहरा रही है। एक समय स सिंधु चीन की खिलाड़ी से 7-5 से आगे चल रही थी लेकिन बिंगजिआओ ने गेम में वापसी की और सिंधु के बढ़त को कम करने की कोशिश करती दिंखीं। दूसरे गेम के हाफ में सिंधु 11-8 से आगे चल रही हैं। हाफ गेम के बाद चीन की शटलर ने वापसी करते हुए स्कोर को 11-11 पर लाकर खड़ा कर दिया है, लेकिन इसके बाद सिंधु ने जबरदस्त वापसी की और अपने शानदार तेज स्मैश से विरोधी शटलर को खूब परेशान करने में सफल रही। कुछ ही समय में सिंधु ने फिर से बढ़त बना ली, इस समय स्कोर 17-14 का है।
सेमीफाइनल में पीवी सिंधु को विश्व की नंबर वन शटलर चीनी ताइपे की ताई जू-यिंग से हार का सामना करना पड़ा था। आज यदि सिंधु ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहती हैं तो वो भारत की इकलौती ऐसी महिला खिलाड़ी बन जाएंगी जिनके नाम ओलंपिक में दो व्यक्तिगत मेडल जीतने का कमाल दर्ज हो, ब्रॉन्ज मेडल के लिए सिंधु के सामने बड़ी चुनौती है। हे बिंगजिआओ (He Bing Jiao) और सिंधु के बीच बैडमिंटन कोर्ट पर 15 मैच खेल चुकी हैं, जिसमें 9 मैच चीन की बिंगजिआओ ने जीता है और 6 मैच सिंधु के नाम रहा है। दोनों ने पहली बार 2015 के योनेक्स सनराइज मास्टर्स क्वार्टरफाइनल राउंड में एक-दूसरे का सामना किया था, सिंधु को उस मैच में सीधे सेटों में 23-21, 21-13 के स्कोर से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले 5 भिड़ंत में चार मुकाबले में चीनी शटलर को जीत मिली है। सिंधु ने बिंगजिआओ के खिलाफ आखिरी बार 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में जीत हासिल की थी।