दो दिवसीय अंतर-एजेंसी राज्य सम्मेलन सम्पन्न: महिला एवं बच्चों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम पर व्यापक चर्चा
जयपुर। सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (CDTI), जयपुर ने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से 17 और 18 नवंबर को एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय अंतर-एजेंसी राज्य सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया। सम्मेलन का केंद्रीय विषय "महिला एवं बच्चों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम से संबंधित एनसीएल प्रावधान एवं मिशन वात्सल्य की भूमिका" था।
सीडीटीआई जयपुर के निदेशक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर (आईपीएस) ने बताया कि इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, विशेषज्ञ, बाल संरक्षण कर्मी, अभियोजन अधिकारी और डब्ल्यूसीडी विभागों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
पहले दिन 17 नवंबर को नए आपराधिक कानून और मिशन वात्सल्य सम्मेलन के उद्घाटन में निदेशक सीडीटीआई ने नए आपराधिक कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों के बढ़ते महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अपराधों की जाँच में बाल-अनुकूल प्रक्रियाओं, संवेदनशीलता और मल्टी-एजेंसी समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मिशन वात्सल्य को बाल संरक्षण तंत्र को मजबूत करने वाला एक प्रभावी राष्ट्रीय कार्यक्रम बताया। विशिष्ट अतिथि डॉ. मीना शर्मा ने सुरक्षित समाज के लिए पुलिस, मीडिया, महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच बेहतर साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
तकनीकी सत्रों के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ सलाहकार जुनैद उल इस्लाम ने एसजेपीयू, बाल कल्याण संरचनाओं की भूमिकाओं और पोक्सो कानून के नवीन केस लॉ पर विस्तार से जानकारी दी। संयुक्त निदेशक आईटी चंदकिरण चोकर ने वात्सल्या पोर्टल की उपयोगिता और चुनौतियों पर सत्र लिया, डॉ. संगमित्रा बारिक ने देशभर में मिशन वात्सल्या के तहत लागू उत्कृष्ट प्रथाओं को प्रस्तुत किया। सेवानिवृत्त अतिरिक्त निदेशक अभियोजन अब्दुल समद चिश्ती ने एनसीएल से जुड़े महिला और बाल सुरक्षा प्रावधानों की विस्तृत चर्चा की। अंत मे साइबर विशेषज्ञ योगेश राव ने ऑनलाइन शोषण, साइबर अपराध प्रवृत्तियों और बच्चों की डिजिटल सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
सम्मेलन के दूसरे दिन 18 नवंबर की शुरुआत जुनैद उल इस्लाम की एनसीआरबी-2023 में दर्ज बच्चों से संबंधित अपराध प्रवृत्तियों पर डेटा-आधारित प्रस्तुति से हुई। जगदीश प्रसाद (उप निदेशक, डब्ल्यूसीडी जयपुर) ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं और पुलिस पहलों की जानकारी दी। डॉ. शिप्रा माथुर (वरिष्ठ मीडिया विशेषज्ञ) ने अपराध रोकथाम में मीडिया की भूमिका, नैतिक रिपोर्टिंग और जन-जागरूकता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
पैनल चर्चा : जुवेनाइल जस्टिस—चुनौतियाँ और नवाचार
इस महत्वपूर्ण चर्चा में जुनैद उल इस्लाम, डॉ. के.के. कुमावत, डॉ. शिप्रा माथुर और डॉ. संगमित्रा बारिक ने भाग लिया। वक्ताओं ने समन्वय की कमी, पुनर्वास चुनौतियों और बाल न्याय प्रणाली को और प्रभावी बनाने हेतु नवाचारों पर गहन विचार-विमर्श किया।
सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि सम्मेलन का समापन वैलेडिक्शन समारोह के साथ हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन ने विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत किया और राजस्थान सहित पूरे देश में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को सुदृढ़ करने की सामूहिक प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट किया।
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