भारत में 50 अरब डॉलर का निवेश करेगा संयुक्त अरब अमीरात

भारत में 50 अरब डॉलर का निवेश करेगा संयुक्त अरब अमीरात

दुबई, खाड़ी में करीब 35 लाख भारतीयों के दूसरे घर कहे जाने वाले संयुक्‍त अरब अमीरात की सरकार भारत में 50 अरब डॉलर का निवेश करने पर व‍िचार कर रही है। यूएई न केवल लाखों भारतीयों का दूसरा ठिकाना है बल्कि भारत इस मुस्लिम देश का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर भी है। यूएई दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था पर दांव लगाना चाहता है। माना जा रहा है कि यूएई अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारत में 50 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान कर सकता है। साल 2014 में पीएम मोदी सत्‍ता संभालने के बाद यूएई के राष्‍ट्रपति शेख मोहम्‍मद बिन जायद के बुलावे पर अब तक 5 बार अबूधाबी की यात्रा पर जा चुके हैं।

पीएम मोदी इंदिरा गांधी के बाद यूएई जाने वाले वह पहले प्रधानमंत्री
दरअसल, भारत की सत्‍ता संभालने के बाद पीएम मोदी ने खाड़ी के मुस्लिम देशों के साथ दोस्‍ती को मजबूत करना शुरू किया था। पीएम मोदी की व‍िदेश नीति में यूएई, सऊदी अरब समेत खाड़ी के मुस्लिम देश प्रमुख से शामिल थे। पीएम मोदी के इस कदम के महत्‍व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 1981 में इंदिरा गांधी के बाद यूएई जाने वाले वह पहले प्रधानमंत्री थे। आज भारत और यूएई की दोस्‍ती अपने सबसे अच्‍छे दौर में चल रही है और दोनों देश गैर तेल द्विपक्षीय व्‍यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूएई भारत में इस निवेश का ऐलान करेगा!
यूएई भारत के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रॉजेक्‍ट, सरकारी संपत्तियों में 50 अरब डॉलर का निवेश करना चाहता है। माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूएई भारत में इस भारी भरकम निवेश का ऐलान करेगा। हालांकि अभी कुल निवेश और उसके समय के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। विश्‍लेषकों के मुताबिक यूएई की नजर भारत में तेजी से बढ़ते मिडिल क्‍लास पर है। यूएई के अलावा सऊदी अरब और कतर से भी भारी भरकम निवेश भारत में किया जा सकता है।

यूएई भारत के लिए विदेशी मुद्रा का भी बड़ा स्रोत 
दुनिया में जब अमेरिका बनाम चीन को लेकर तनाव बढ़ रहा है, यूएई ने भारत की ओर अपने कदम बढ़ाए हैं और किसी एक देश का पक्ष लेने से इंकार कर दिया है। आज यूएई भारत का एक प्रमुख सहयोगी देश बन गया है। भारत, यूएई, इजरायल के बीच समझौते हुए ताकि व्‍यापार को और बढ़ाया जा सके। यूएई न केवल व्‍यापार और निवेश बल्कि भारत के लिए विदेशी मुद्रा का भी बड़ा स्रोत है। यूएई में साल 2021 में 35 लाख भारतीय रहते थे। यह यूएई की कुल आबादी का करीब 30 फीसदी है। ये भारतीय अरबों रुपये की व‍िदेशी मुद्रा हर साल भारत भेजते हैं। इससे भारत का विदेश मुद्रा भंडार मजबूत रहता है। यूएई में केरल के लोग सबसे ज्‍यादा रहते हैं। भारत के लोग यूएई में हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

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