एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए निवेश तक पहुंच और निर्यात अवसरों पर युवाओं को दी गई जानकारी

एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए निवेश तक पहुंच और निर्यात अवसरों पर युवाओं को दी गई जानकारी

भोपाल, एमएसएमई निवेश प्रोत्साहन एवं स्टार्टअप सम्मेलन में उपस्थित युवाओं को विशेषज्ञों ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम की स्थापना के साथ निवेश प्राप्त करने के अलावा निर्यात के अवसरों तक पहुंच की बारीकियां समझाई गई। सम्मेलन के दौरान इन्क्यूबेशन टू इंवेस्टमेंट कैटेलाइजिंग द स्टार्ट अप ईकोसिस्टम और स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए निर्यात अवसरों के द्वार खोलना विषय पर दो विशेष सत्र हुए।

स्टार्ट अपर सत्र में आरएनटीयू के सीईओ रोनाल्ड फर्नाडेज, आइसर के फिरोज खान सूरी, ईक्यूनाटि की सुपूजा परमार, बीएएसपीएल के मनीष जोहरी ने शिरकत की। एमपी स्टार्ट अपर सेंटर की डॉ. आभा ऋषि ने सत्र का संचालन किया। पैनलिस्टों ने इन्क्यूवेशन मॉडल, मेंटारशिप और निवेशकों के दृष्टिकोण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत में इन्क्यूबेशन ईकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है और अब उद्यमियों को बेहतर सुविधाएं मिल रही है। सत्र में यह भी तथ्य सामने आया कि निवेश निर्णयों में टीम की प्रतिबद्धता, नवाचार, व्यापार मॉडल की मजबूती और बाजार की समझ जैसे महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। पेनलिस्ट ने व्यावसायिक आईडियाज को व्यावसायिक सफलता में बदलने और निवेश आकर्षित करने संबंधी मार्गदर्शन दिया।

निर्यात पत्र पर हुआ सत्र

एमएसएमई और स्टार्टअप्स के निर्यात अवसरों पर हुए दूसरे सत्र में संचालन उषा एग्रो इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक मानस गुप्ता ने किया और उन्होंने एमएसएमई विभाग द्वारा दी जा रही सुविधाओं का उल्लेख किया। उन्होंने उत्पाद की गुणवत्ता, प्रमाणन और निर्यात की तैयारी पर प्रकाश डाला। एफआईईओ के संयुक्त निदेशक ऋषिकांत तिवारी ने भारत के मौजूदा निर्यात परिदृश्य के साथ ही निर्यात पंजीकरण, दस्तावेजीकरण प्रक्रिया, निर्यात प्रोत्साहन योजना के लाभ, विपणन और बाजार संपर्क के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। निर्यात विशेषज्ञ डॉ. अंकिता शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय विपणन के लिए बाजार की पहचान के साथ ही मूल्य निर्धारण रणनीति, पैकेजिंग मानकों और लॉजिस्टिक पर सारगर्भित जानकारी दी।