सुकमा ब्लास्ट का साइड इफेक्ट
praveen namdev
जबलपुरः भारतीय सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स को आतंकी व नक्सली हमले में बारूदी सुरंग से बचाने वाले माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल (एमपीवी) को चेन्नई के डिफेंस एक्सपो से बाहर किए जाने से एमपीव के अपग्रेड वर्जन बनाने के प्रयास को धक्का लगा है। दरअसल, वाहन निर्माणी जबलपुर (वीएफजे) में माइंस प्रोटेक्टिव व्हीकल बनाया जाता हैं, लेकिन जिस एमपीवी को चेन्नई डिफेंस एक्सपो में भेजा गया था वह मेला स्थल पर पहुंचने के पहले ही अनफिट हो गया था।
सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी या अन्य विशेषज्ञ सुकमा नक्सली विस्फोट में क्षतिग्रस्त एमपीवी के बारे में सवाल न पूछें इसलिए डिफेंस एक्सपो से एमपीवी को बाहर रखा गया।
जबलपुर। डिफेंस एक्सपो में पहुंचा एमपीवी इस हालत में भी नहीं था कि उसे स्टार्ट किया जा सके। लिहाजा आॅर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (कोलकाता)द्वारा डिफेंस एक्सपो के लिए बनाए गए नोडल अधिकारी ने उक्त एमपीवी को मेन डिस्पले स्थल से हटवाकर एक किलो मीटर दूर खड़ा करवा दिया था। उल्लेखनीय है कि गत माह छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों द्वारा लगाई गई बारूदी सुरंग में एमपीवी क्षतिग्रस्त हो गया था और सीआरपीएफ के 9 जवानों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही एमपीवी को लेकर सवाल खडे“ किए जा रहे हैं। अधिकारियों को यह आशंका थी कि मेन डिस्पले लाइन में एमपीवी को देख पीएम उसके बारे में जरूर सवाल करेंगे। ऐसे में खराब पडे“ वाहन को पीएम को कैसे दिखाया जाता।
इधर श्रमिक संगठनों का हंगामा
एमपीवी को डिफेंस एक्सपो से बाहर किए जाने को लेकर व्हीएफजे में कार्यरत श्रमिक संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया है। प्रतिरक्षा मजदूर संघ ने महाप्रबंधक को पत्र सौंपकर पूरे घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण दिए जाने की मांग की हैं।