क्लस्टर प्रणाली से किया जाएगा ठोस अपशिष्ट का उपचार

क्लस्टर प्रणाली से किया जाएगा ठोस अपशिष्ट का उपचार

कचरे से रोशन होंगे गांव-किसानों को मिलेगी खाद

स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ेंगे सफाई कामगार समूह

भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में लगे कूड़े के ढेर अब समाप्त होंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इस कचरे को उपचारित कर इससे बिजली और खाद का निर्माण करेगा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत राज्य सरकार अब पूरे प्रदेशभर के ग्रामीण अंचलों में गांवों में महीनों, सालों से जमा ठोस अपशिष्ट को उठाने और उसे उपचारित करने की प्रणाली क्लस्टर स्तर पर करेगी।

सेग्रीकेशन करके खाद निर्माण और बिजली उत्पादन किया जाएगा

इस कचरे का सेग्रीकेशन करके इससे खाद निर्माण और बिजली उत्पादन किया जाएगा। निजी कंपनियों के जरिए पीपीपी से इस पर काम होगा। इसके लिए जिला पंचायतों में क्लस्टर बनाकर काम किया जाएगा और इनके लिए सामूहिक रूप से इस काम को करने के लिए निजी संस्थाओं से टेंडर बुलाए जाएंगे। जो बिजली और खाद तैयार होगी इससे निजी संस्थाएं अपना खर्चा निकालेंगी। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी इस योजना के क्रियान्वयन के लिए कुछ बजट दिया जाएगा।

दस फीसदी गांवों का होगा चयन

पहले चरण में दस फीसदी गांवों का इसके लिए चयन किया जाएगा। वहां काम शुरू करने के बाद अन्य ग्रामीण अंचल इस काम को देखकर बाद में वहां भी इसे शुरू करेंगे। वहीं एसबीएम प्रणाली में महिला स्वसहायता समूहों के अतिरिक्त अन्य समूह, सफाई कामगार समूहों को भी शामिल किया जाएगा जिससे सफाई मित्र चयन का दायरा बढ़ सकेगा।
मिलेगी सस्ती बिजली
ग्रामीण अंचलों में अक्सर गांवों की सफाई पंचायतों पर निर्भर रहती है। ग्रामीण भी कचरा गांव में एक स्थान पर एकत्रित करते जाते हैं इससे कूड़े के ढेर लगते जाते हैं। इनसे प्रदूषण और जहरीले जीव-जन्तु का खतरा बढ़ता है। कई बार ग्रामीण इन कचरे के ढेरों में आग लगा देते हैं। इससे वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ जाता है। इसे रोकने के लिए अब क्लस्टर बेस पर गांवों के ठोस अपशिष्ट का उपयोग कर बिजली और खाद बनेगी तो प्रदूषण रुकेगा और खाद का उपयोग किसान खेतों में कर सकेंगे। ग्रामीणों को इससे बिजली भी मिल सकेगी।