FBI की तर्ज पर पुलिस प्रशिक्षण, भोपाल में अमेरिकन ट्रेनर दे रहे स्पेशल ट्रेनिंग
भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई की तर्ज पर एमपी समेत देश के चुनिंदा पुलिस अफसरों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. खुद अमेरिकन ट्रेनर इस स्पेशल ट्रेनिंग को देते हैं. दरअसल, भोपाल के समीप ग्राम कान्हासैया में करीब आठ महीने पहले ही केंद्रीय पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी यानि सीएपीटी शुरू हुई है. कुछ महीनों में ही एकेडमी ने एमपी समेत देश के चुनिंदा पुलिस अफसरों को ऐसी स्पेशल ट्रेनिंग दी है, जिसके लिए विशेष तौर पर ट्रेनर्स को विदेश से बुलाया गया. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सीएपीटी का शुभारंभ किया था.
इस अकादमी में राज्य पुलिस के सीधी भर्ती वाले उप अधीक्षक और केंद्रीय पुलिस बलों के सहायक और उप कमांडेंट को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही पुलिस प्रशिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जाती है. अकादमी में रूटीन ट्रेनिंग के साथ स्पेशल ट्रेनिंग होती है. स्पेशल ट्रेनिंग के लिए अमेरिकन ट्रेनर को बुलाया जाता है, जो एकेडमी में पुलिस अफसरों को एफबीआई की तर्ज ट्रेनिंग मुहैया कराते हैं.
-अमेरिकन ट्रेनर 15, 21 और 28 दिनों की स्पेशल ट्रेनिंग देते
-ट्रेनिंग में आतंकियों से निपटने के साथ इंटेलिजेंस इनपुट कलेक्शन का हुनर सिखाया जाता
-आतंकवाद से निपटने के लिए फिजिकल ट्रेनिंग दी जाती
-अभी तक 11 राउंड में 250 से ज्यादा पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग मिली
-ट्रेनिंग के जरिए फिल्ड में टास्क देकर प्रशिक्षण भी कराया जाता है
-ट्रेनिंग के दौरान अफसर एक आम व्यक्ति की तरह अलग-अलग शहरों में रहकर इंटेलिजेंस इनपुट कलेक्ट करते
एकेडमी के डायरेक्टर और एमपी कैडर के आईपीएस अधिकारी पवन श्रीवास्तव ने बताया कि देशभर से आने वाले चुनिंदा पुलिस अफसरों के लिए अमेरिकन असिस्टेंस टेररिज्म प्रोग्राम चलाया जा रहा है. स्पेशल प्रोग्राम के तहत ट्रेनिंग लेने वाले पुलिस अफसरों को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो चयन करने के बाद एकेडमी भेजता है. ट्रेनिंग लेने वाले अफसरों में भारतीय पुलिस सेवा के साथ राज्य पुलिस सेवा के अफसर शामिल होते हैं.
चार सौ एकड़ में फैली सीएपीटी में पेपर लैस काम होता है. यहां सर्वसुविधा युक्त क्लास रूम, कार्यालय और प्रशिक्षणार्थियों के रुकने के लिए पर्याप्त हॉस्टल हैं. प्रशिक्षकों के लिए भी पर्याप्त आवास का निर्माण किया गया है. खेलकूद के मैदान, सामुदायिक भवन, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स एवं बैडमिंटन हॉल भी बनाया गया है. इस एकेडमी की खास बात यह भी है कि यहां जो भी सामान आता है, उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता है. कैंपस में अंदर ही कचरे को डिस्पोज कर उसे उपयोगी बनाया जाता है.
एकेडमी के डायरेक्टर पवन श्रीवास्तव का दावा है कि पुलिस अफसर एफबीआई के तर्ज पर ट्रेनिंग ही नहीं, बल्कि ट्रेनिंग लेने के बाद सुरक्षा एजेंसियों के लिए फिल्ड में उपयोगी भी साबित हो रहे हैं. इस ट्रेनिंग का खास मकसद पुलिस को स्मार्ट और सबसे ज्यादा हाईटैक बनाना है.