जानिए... शुद्ध देशी घी के फायदे और इसे बनाने का तरीका

जानिए... शुद्ध देशी घी के फायदे और इसे बनाने का तरीका
अमूमन हम सभी बाजार से ही घी खरीदते हैं लेकिन अक्सर उसके मिलावटी होने का संदेह बना रहता है। ऐसे में अगर हम घर पर ही घी तैयार कर लें तो मिलावट का डर नहीं रह जाएगा। इसके साथ ही घर पर बने घी का स्वाद भी बहुत खास होता है।   बनाने की विधि : आप दूध तो रोज खरीदते ही होंगे। नियमित रूप से दूध की मलाई जमा करते रहें। मलाई को किसी ढक्कन वाले बर्तन में ही रखें। दूध उबालने के बाद उसकी सतह पर जमी मलाई को रोज इस बर्तन में जमा करते जाएं। इस बर्तन को बाहर नहीं, फ्रिज में ही रखें। जब एक अच्छी मात्रा में मलाई जमा हो जाए तो बर्तन को बाहर निकाल लें। मलाई को एक बड़े पैन में डालकर पिघलने के लिए छोड़ दें। धीमी आंच पर मलाई को रख दें। घी बनने में कितना वक्त लगेगा यह पूरी तरह मलाई की क्वालिटी पर निर्भर करता है। थोड़ी देर बाद आप देखेंगे कि घी, मलाई से अलग होने लगी है। इसे ठंडा होने दें। जब ये ठंडा हो जाए तो इसे एक जार में छान लें। लीजिए, आपका होम मेड घी तैयार है। देशी घी खाने के पूरे फायदे 1. देशी घी में एंटीऔक्सिडेंट पाये जाते हैं। इनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक चम्मच देशी घी खाने से शरीर निरोगी रहता है। 2. एक चम्मच गुनगुने देशी घी के सेवन से बार-बार हिचकी आने की समस्या दूर हो जाती है। 3. देशी घी में चीनी मिलाकर खाने से दुबलेपन की समस्या दूर होती है। 4. यदि किसी को फ़ूड पोइसनिंग हो गई हो या जहर पी लिया हो, तो 12 ग्राम देशी घी को चार भागों में बाँट कर दिन में चार बार सेवन कराने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। 5. प्लेग की बीमारी होने पर 15 ग्राम देशी घी को चार भागों में बाँट कर दिन में चार चार बार एक कप दूध के साथ पिलाने से प्लेग रोग से मुक्ति मिल जाती है। 6. दो चम्मच गुनगुने देशी घी में दो चम्मच चीनी मिलाकर पीने से नशीले पदार्थ का नशा समाप्त हो जाता है। 7. दस दाना काली गोल मिर्च, एक इंच अदरक, दस दाने मिश्री को दो चम्मच देशी घी में पका कर खाली पेट सेवन करने से गले की खराश और खाँसी की समस्या से राहत मिलती है। खांशी में घी और गुड़ का फायदा 8. एक चम्मच देशी घी में गुड़ मिलाकर गर्म करने के पश्चात सेवन करने से लम्बे समय से चली आ रही खाँसी ठीक हो जाती है। 9. ट्यूबरक्लोसिस की बिमारी में मक्खन एवं मिश्री को देशी घी में मिलाकर खाने से लाभ होता है। 10. बवासीर (पाइल्स ) रोग में एक कप दूध में एक चम्मच देशी घी मिलाकर रोज़ रात को खाने के बाद पीने से पाइल्स की बिमारी में आराम मिलता है। 11. खुनी पाइल्स की बिमारी में एक चम्मच काले तिल का पाउडर एवं एक चम्मच मिश्री को देशी घी में मिलाकर प्रतिदिन दिन में तीन बार सेवन करने से खून निकलना बंद हो जाता है। 12. प्रतिदिन देशी के घी में मिश्री मिलाकर सेवन करने से आँखों की रोशिनी तेज होती है। 13. देशी घी को बिना ज्यादा गर्म किये खाने से खाना पचने में आसानी होती है। जिससे शरीर में वसा एकत्रित नहीं होती है। परिणामस्वरूप वजन नहीं बढ़ता है। 14. देशी घी में लिनोलिक एसिड (linoleic acid) पाया जाता है। यह शरीर के वजन को बढ़ने से रोकता है। 15. देशी घी में विटामिन K की मात्रा पाई जाती है। जो ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। 16. देशी घी के सेवन से बैड कोलेस्ट्राल कम होता है। 17. प्रतिदिन देशी घी के सेवन से शरीर रोगों के संक्रमण से मुक्त रहता है। 18. देशी घी के सेवन से हड्डियों मजबूत होती हैं। 19. देशी घी की दो बूँद नाक में डालने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है। 20. देशी घी में ओमेगा 3 एवं ओमेगा 9 जैसे फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। जो बढ़ते बच्चों के विकास के लिए आवश्यक होती हैं। 21. एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी मिलाकर सोने से पूर्व पीने से कब्ज की समस्या का अंत हो जाता है।