MP में बन रहा है देश का पहला लाइट-साउंड प्रूफ हाइवे
जबलपुर
सिवनी जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-7 पर एनएचएआई द्वारा इन दिनो एक अनोखे हाइवे का निर्माण किया जा रहा है. जिले के मोहगांव से खवासा तक 29 किलोमीटर के हिस्से को वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पुरानी सड़क को फोरलेन में बदला जा रहा है. माना जा रहा है कि पेंच राष्ट्रीय उद्यान के बीच से गुजरने वाला यह देश का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसमें भारी वाहनों का शोरगुल एवं हेडलाइट की तेज रोशनी न पहुंचे, इसके मद्देनजर साउंड एवं लाइट प्रूफ बनाया जा रहा है. यह हाइवे वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिहाज से अनोखा व अपने तरह का देश का पहला हाइवे माना जा रहा है.
पेंच राष्ट्रीय उद्यान के बफर एरिया में होने के कारण मोहगांव से खवासा के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के 29 किमी हिस्से का निर्माण पिछले दस साल से बाधित था. जंगल का प्राकृतिक रास्ता हाई-वे को क्रास कर पेंच से कान्हा (कॉरिडोर) नैशनल पार्क को जोड़ता है. आवाजाही के लिए वन्यप्राणी इसी रास्ते का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए वन विभाग ने वन्य जीवों की सुरक्षा की शर्तो पर सड़क निर्माण की अनुमति दी है. इसलिए पहले के प्रोजेक्ट मे बड़े बदलाव किए गए और प्रोजेक्ट को और हाइटेक बनाया गया.
वन्यजीवों के सड़क पार करने के लिए राजमार्ग के 3.5 किलोमीटर हिस्से में 14 ऐनिमल अंडर पास का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही पानी निकासी के लिए 58 कलवर्ट (पुलिया) में से 18 ऐनिमल क्रॉसिंग कलवर्ट बनाए जा रहे है, जिससे वन्यजीव सड़क पार कर सकेंगे. सबसे अच्छी बात यह है कि वन्यजीवों के लिए प्राकृतिक रास्ता बनाए रखने का इंतजाम हाई-वे में किया गया है. करीब 5 मीटर ऊंचे ऐनिमल अंडर पास के ऊपरी हिस्से से वाहन निकलेंगे जबकि निचले हिस्से से वन्यप्राणियों की आवाजाही हो सकेगी. वन्यक्षेत्र की 21.69 किलोमीटर फोरलेन सड़क एवं अंडरपास के दोनों किनारों पर साउंड बैरियर और हेडलाइट रिड्यूजर लगाकर लगभग 4 मीटर ऊंची दीवार तैयार की जाएगी. इससे भारी वाहनों के हेडलाइट की तेज रोशनी व शोरगुल जंगल तक नहीं पहुंचेगी। और ट्रेफिक का असर वन्य प्राणियों पर भी नहीं पड़ेगा.