NMCH में ऑक्सीजन सप्लाई हुई बंद, मचा हाहाकार
पटना
एनएमसीएच कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के कई वार्डों में रविवार को करीब 45 मिनट तक ऑक्सीजन आपूर्ति ठप पड़ गयी। जिससे बेड पर पड़े मरीजों की सांसें अटकी रहीं। जीवन और मौत का फासला कम होता देख मरीजों के परिजन हो-हल्ला मचाने लगे। हालांकि, दुर्घटना होने के पहले स्थिति नियंत्रित कर ली गयी। उसके बाद मरीजों के साथ ही परिजनों ने राहत की सांस ली। बिहटा मेडिकल कॉलेज में रविवार रात ऑक्सीजन की किल्लत होने पर हाहाकार मचा गया।
एनएमसीएच में ऑक्सीजन सप्लाई ठप पड़ते ही कई मरीज के परिजनों ने गाड़ी में रखे छोटे सिलेंडर से मरीजों को सपोर्ट दिया। वहीं, जिसके पास सिलेंडर नहीं था वे हाथ जोड़कर ईश्वर से प्रार्थना करने लगे। दरअसल, रविवार की दोपहर करीब तीन बजे अस्पताल के कुछ वार्ड में ऑक्सीजन गैस खत्म होने लगा था। इधर, ऑक्सीजन वैन आने में देरी होता देख अस्पताल प्रशासन सकते में आ गया। करीब आधा घंटा बाद सिलेंडर पहुंचा। उसके बाद आपूर्ति सामान्य हो सकी। इस बीच करीब 45 मिनट तक मरीजों की सांसें अटकी रहीं। मामले की जानकारी होते ही अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को त्राहिमाम संदेश भेजते हुए यथाशीघ्र ऑक्सीजन गैस आपूर्ति की मांग की।
उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि अस्पताल को प्रतिदिन एक हजार सिलेंडर की आवश्यकता है। साथ ही मरीजों की संख्या व उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए कम से कम 250 सिलेंडर रिजर्व रखना जरूरी है। जिससे कि भर्ती मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा सके। लगभग 25 मिनट बाद डीएम की ओर से ऑक्सीजन गैस के 50 सिलेंडर एनएमसीएच भेजा गया। तब जाकर मरीजों संग परिजन व डॉक्टरों ने भी राहत की सांस ली। हालांकि, इस दौरान किसी मरीज की मौत हुई है कि नहीं, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है।
अधीक्षक का कहना है कि अनवरत ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए अस्पताल में कम से कम एक हजार सिलेंडर की जरुरत हर दिन पड़ रही है। सप्लाई चेन में बाधा आने के साथ ही समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में जरुरी है कि कम से कम ढाई सौ सिलेंडर रिजर्स रखा जाए।

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