कोरबा के कोरकोमा में हाथियों का आतंक

कोरबा मंगलवार की रात एक बजे अचानक कोरकोमा गांव जा पहुंचा। जंगल से लगे हुए कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचाया। वहीं जाते-जाते बाड़ी को भी तहस-नहस कर डाला। रातभर ग्रामीण घर के बाहर सुरक्षित जगह पर बैठे रहे। हाथी अब भी आसपास के जंगल में है लिहाजा खतरे को देखते हुए ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है। कोरबा वनमंडल के करतला, कुदमुरा के साथ कोरबा रेंज भी हाथियों के उत्पात की वजह से ग्रामीणों में खासी दहशत व्याप्त हो गई है। एक ही वनमंडल में लगातार पांच मौतों की वजह से ग्रामीण ना तो खेत जा पा रहे हैं। ना ही किसी जरूरी काम से एक गांव से दूसरे गांव। मंगलवार की रात गणेश कोरबा रेंज के कोरकोमा गांव जा पहुंचा। कोरकोमा के 10 लोगों के मकानों व बाड़ी को हाथी ने नुकसान पहुंचाया है। जिसमें हेतराम, लम्बोदर चौधरी, रामप्रसाद, अयोध्या, सुमित, भुगदेव चौधरी, महासिंह, हरिशंकर, देवनाथ कुमार के बाड़ी व मकान के बाउंड्रीवाल को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि हाथी जंगल से लगे मकानों व बाड़ी को ही अपना निशाना बनाया। बीच गांव तक नहीं पहुंच सका था। पिछले कुछ माह से कोरकोमा व उससे लगे कई गांव हाथी के हमले से दूर थे। लेकिन एकाएक हाथी के आने से लोगों में हड़कंप मच गया। रात में ही गांव के काफी संख्या में लोग एक जगह इकटठा होकर हाथी के जाने का इंतजार किया गया। बताया जा रहा है कि गणेश ही कोरकोमा में ही जा पहुंचा है। कुदमुरा में महिला को मारने वाला हाथी दूसरा था दरअसल अब तक झुंड से एक ही हाथी गणेश ही अलग होकर ग्रामीणों पर हमला कर रहा था। लेकिन अब एक और हाथी झुंड से अलग हो गया है। दरअसल मंगलवार को कुदमुरा में महिला को मारने वाले हाथी को गणेश माना जा रहा था। लेकिन जब वन विभाग द्वारा हाथी के कद काठी व उसके दंात को जंगल में जाकर देखा गया तो वे अलग-अलग थे। गणेश के दांतों की तुलना में अन्य दंतैल के हाथी के दांत मोटे व लम्बे हैं। ऐसेे में अब दो अलग-अलग हाथी झुंड से अलग होकर करतला के साथ कुदमुरा में भी उत्पात मचा सकते हैं। -गणेश व जिस हाथी ने कुदमुरा में महिला को मारा वे दोनों अलग-अलग हैं। दोनों अलग-अलग क्षेत्र के हंै। जिनकी ट्रेकिंग की जा रही है। आसपास के गांव में मुनादी कराई जा रही है। -डीडी बंजारा, रेंजर, कुदमुरा।