अनोखे शगूफे के साथ रोजाना उतर रही नई-नई कंपनिया
बालोद- लोगों को फायदे और काम को आसान बनाने के लिए इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल किया जाता हैं, लेकिन इससे उलट कुछ शातिर ठग सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों को ठगी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, सोशल नेटवर्किंग के सहारे रातो रात नई-नई कंपनी खोल लोगों को नित नए आइडिया और लुभावनी स्कीम बता ठगी का शिकार बनाते आ रहे हैं, यह ठग लोगों को इंटरनेट पर अलग-अलग व्यवसाय बताकर बहकाकर बकायदा अपने एजेंट नियुक्त कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं, गौरतलब हो की आजकल पूरा बिजनेस सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन तथा कंपनी के बने वेबसाइटों से ही हो रहा हैं, जिसके चलते कई सारी फर्जी कंपनियां भी इसकी आड़ में अपना व्यापार चला रही हैं, रोजाना नित नए कंपनियों की वेबसाइट इंटरनेट पर देखे जा सकते हैं, जो नए-नए स्कीम बताकर लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं, लोग भी लुभावनी बातों में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं,
[caption id="attachment_88818" align="aligncenter" width="448"]

bhavtarini[/caption]
मेंबर बनाओं और पैसे कमाओं-
कई कंपनियां सबसे पहले अपना एजेंट नियुक्त करती हैं, एजेंट बेरोजगार लोगों की तलाश कर इस नेटवर्किंग बिजनेस करने अपने ग्रुप में शामिल कर लेते हैं, जिसके बाद मेंबर बनाने का सिलसिला चालू होता हैं, जिसमे कंपनी द्वारा कुछ प्रोडक्ट भी बेचे जाते हैं, प्रोडक्ट बेचने और अपनी नई स्कीम लेकर ये लोग और लोगों के पास भी जाते हैं, जिससे मेंबर बनने का सिलसिला चालू हो जाता हैं, सबसे पहले ये लोग किइस एक आदमी को पकड़ अपना प्रोडक्ट बेचने के बहाने आगे मेंबर बनाने कहते हैं, और आगे कहते हैं की जैसे जैसे और मेंबर आगे बनते जायेंगे वैसे ही पर मेंबर पैसे आते जायेंगे, मानों की आपने अगर 7 हजार रूपये का कोई प्रोडक्ट लिया,उसके बाद अपने नीचे अन्य दो मेंबर और जोड़ते हैं तो आपको 11 माह तक 3500 रूपये आएंगे, और उसके बाद वो 2 भी अन्य दो को जोड़ते हैं तो उन्हें भी 3500 रूपये 11 माह तक आएंगे, ऐसे चैनल बनाने का काम चालू हो जाता हैं, बता दे की ये कंपनियां जिस स्कीम के तहत ऊंचे दाम पर अपना प्रोडक्ट बेचती हैं, बाज़ार में उसके दाम आधे से भी आधे होते हैं,
कई कंपनियां हो चुकी हैं नौ दो ग्यारह-
नई स्कीम, नए लुभावने आइडिया को लेकर जितनी जल्दी कंपनियां बाजार, सोशल नेटवर्किंग तथा वेबसाइट के जरिये उतरती हैं उतनी ही जल्दी लोगों को ठग नौ दो ग्यारह भी हो जाती हैं, जो लोग ठगी के शिकार होते हैं वो कभी सामने भी नहीं आते, क्योकि उन्हें लगता हैं की उनसे सिर्फ 7 से 10 हजार की ठगी की गई हैं, पर वे ये नहीं जानते की उन जैसों हजारों-लाखों लोगों को ठगा गया हैं, आज भी जिले में कई कंपनियों के एजेंट भोले भाले लोगों को नई-नई स्कीम बता अपना प्रोडक्ट ऊंचे दामों में बेच ठगी का शिकार बना रहे हैं, और चैनल सिस्टम बनाने अन्य लोगों को भी जोड़ने कह रहे हैं,
जिले के ग्रामीण अंचलों में कई एजेंट हैं आज भी सक्रिय-
कई कंपनियों के एजेंट आज भी बालोद जिले के गाँव-गाँव में बेहद सक्रियता के साथ अपने कामों को अंजाम दे रहे हैं, लोग भी इन एजेंटों की बातो में आकर मेंबर बन रहे हैं, पर इन्हे पता नहीं हैं की ये किस तरह ठगी के शिकार हो रहे हैं, एजेंट कंपनी के प्रोडक्ट बेचने के बहाने लोगों को इससे जोड़ने का काम कर रहे हैं, फिर मेंबर बना अच्छा खासा चैनल तैयार करवाकर लोगों से इन कंपनियों में इंवेस्टमनेट भी करवाते हैं, ग्रामीण अंचलों में सक्रिय एजेंटों को स्थानीय होने का फायदा मिल जाता हैं, जिससे लोग उनपर जल्द विश्वास कर लेते हैं,