अगर भारत ने ये चीजें खरीदने से किया इनकार तो तबाह हो जाएगा पाकिस्तान
नई दिल्ली
पुलवामा में CRPF के जवानों पर हमले की जिम्मेदारी जैसे ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली, देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है. पाकिस्तान को सबक सिखाने की लगातार मांगें उठ रही हैं. सरकार भी पाकिस्तान पर जोरदार पलटवार की तैयारी में जुटी है. लेकिन अब भारत की रणनीति है कि पाकिस्तान पर हर तरह से दबाव बनाया जाए, ताकि पुलवामा हमले के गुनहगारों को कड़ी सजा मिल सके.
ये चीजें पाकिस्तान से खरीदते हैं हम
आतंक के खिलाफ पाकिस्तान पर शिकंजा कसते हुए भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान से मोस्ट फेवरेड नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया, उसके बाद इस्लामाबाद से आने वाली सभी तमाम चीजों पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया है. भारत पाकिस्तान से कुल 19 प्रमुख उत्पादों का आयात करता है. जिसमें प्रमुख तौर पर ताजे फल, सीमेंट, बड़े पैमाने पर खनिज एवं अयस्क, तैयार चमड़ा, प्रसंस्कृत खाद्य, अकार्बनिक रसायन, कच्चा कपास, मसाले, ऊन, रबड़ उत्पाद, अल्कोहल पेय, मेडिकल उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक और खेल का सामान है.
ताजे फल में पाकिस्तान भारत को अमरूद, आम और अनानास भेजता है. पाकिस्तान से आने वाला ड्यूटी फ्री सीमेंट के आयात पर सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है. यही नहीं, अगर भारत ने पाकिस्तान के साथ पूरी तरह से व्यापार बंद कर दिया तो फिर उसकी आर्थिक सेहत और बिगड़ जाएगी. क्योंकि पाकिस्तान ताजे फल और सीमेंट सबसे ज्यादा भारत को निर्यात करता है.
समुद्री और सड़क रास्ते से कारोबार
आंकड़ों के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच सड़क रास्ते से 138 वस्तुओं का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट होता है. जबकि जम्मू-कश्मीर वाघा बॉर्डर से भारत-पाकिस्तान के बीच रोजाना 50-60 ट्रकों के जरिए सामानों का आना-जाना होता है. हालांकि भारत से पाकिस्तान चीनी, चाय, ऑयल केक, पेट्रोलियम ऑयल, कच्चा कपास, सूती धागे, टायर, रबड, डाई, रसायन समेत 14 वस्तुएं प्रमुख रूप से भेजा जाता है.
मौजूदा समय में भारत-पाकिस्तान के बीच दो अहम ट्रेड रूट हैं, जिसमें मुंबई से कराची समुद्री रास्ते के जरिए और वाघा बॉर्डर से लैंड रूट शामिल है. इसके अलावा, पुंछ में चाकन दा बाघ और उरी में सलामाबाद के जरिए कारोबार किया जाता है. हालांकि ये दोनों रूट जम्मू-कश्मीर और पाक अधिकृत कश्मीर के बीच कारोबार के लिए अहम हैं. खास बात है कि इन सभी रूट के जरिए कारोबार में वृद्धि तब देखने को मिलती है, जब राजनीतिक रिश्ते सामान्य रहते हैं. वहीं किसी बड़ी आतंकी घटना या सीमापार से घुसपैठ की घटनाओं के बीच इस रूट्स से कारोबार को बंद कर दिया जाता है.
भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापार अहम मोड़ पर
एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक भारत-पाकिस्तान के बीच कारोबार अब भी बेहद कम है. पाकिस्तान के साथ व्यापार मात्र 2.67 अरब डॉलर रहा. पाकिस्तान को भारत का निर्यात मात्र 2.17 अरब डॉलर रहा. भारत के कुल निर्यात में यह मात्र 0.83 फीसदी है. वहीं, पाकिस्तान से भारत का आयात 50 करोड़ डॉलर से भी कम है. यह भारत के कुल आयात का 0.13 फीसदी है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच 35 अरब डॉलर से अधिक के कारोबार की संभावना है.
पाकिस्तान पर चौतरफा दबाव
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विश्वजीत धर का कहना है कि पाकिस्तान से मंगाए जाने वाले सामान पर शुल्क में भारी वृद्धि के बाद हम उन्हें व्यापार के मामले में अलग-थलग कर देंगे. इस स्तर पर शुल्क बढ़ाने से पाकिस्तान का निर्यात एक तरह से पूरी तरह प्रभावित हो जाएगा. पाकिस्तान से दो मुख्य सामान फल और सीमेंट हैं जिनका आयात होता रहा है और इन पर 30 से 50 फीसदी और 7.5 फीसदी सीमा शुल्क लगता रहा है. बता दें, भारत ने पाकिस्तान को MNF का दर्जा 1996 में दिया था. सबसे तरजीही देश के प्रावधान के तहत विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देश एक-दूसरे के साथ गैर-पक्षपातपूर्ण व्यवहार करते हैं. इसमें प्रमुख तौर पर सीमाशुल्क और अन्य शुल्क संबंधी प्रावधानों को आसान बनाना होता है. उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए जबकि 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं.