समय पर फ्लैट नहीं दिया, DLF को हर होम बायर को देना होगा 1 लाख रुपए और ब्याज

समय पर फ्लैट नहीं दिया, DLF को हर होम बायर को देना होगा 1 लाख रुपए और ब्याज

नई दिल्ली
कोई बिल्डर होमबायर्स को समय पर फ्लैट नहीं दे पाने के पीछे अथॉरिटीज से अप्रूवल्स नहीं मिलने, जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया बाधित होने या किसी अन्य परेशानियों का हवाला नहीं दे सकता है। देश के सर्वोच्च उपभोक्ता आयोग ने यह आदेश दिया है। नैशनल कन्ज्यूमर डिस्प्यूट्स रीड्रेसल कमिशन (NCDRC) ने दिग्ग्ज रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ की एक सहायक कंपनी को हरियाणा के पंचकूला वाले एक प्रॉजेक्ट के बायर्स को फ्लैट्स आवंटित करने का निर्देश दिया।

इसके साथ ही, कमिशन की दो सदस्यीय बेंच ने बिल्डरो को आदेश दिया कि वह बायर्स को कानूनी खर्च के रूप में 1 लाख रुपए और बायर्स से कमिशन ने बिल्डर को सेल-डीड्स का रजिस्ट्रेशन पूरा करने को भी कहा जिनका खर्च होम बायर्स उठाएंगे। एनसीडीआरसी के इस आदेश पर बिल्डर ने कहा कि वह निर्धारित तारीख तक फ्लैट्स आवंटित कर देगा।

पूरे देश के लिए असरदार साबित होने वाले इस आदेश में डीएलएफ होम्स पंचकुला प्राइवेट लि. को कहा गया कि वह कंस्ट्रक्शन, बिजली-पानी, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था से संबंधित ढांचागत नक्शा और पूरी प्लानिंग होम बायर्स सौंपे ताकि उन्हें जरूरी मेंटनेंस या रिपेयर के लिए बिल्डर पर निर्भर नहीं रहना पड़े।

बेंच ने कहा कि सेवाओं में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए बिल्डर जिम्मेदार है। उसने डीएलएफ को अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए स्टेट कमिशन के कन्ज्यूमर ऐड अकाउंट में 25-25 हजार रुपए जमा करने को कहा। डीएलएफ के प्रवक्ता ने कहा, 'मामले पर कमिशन के अधीन है और हम आगामी कदम के लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं।'