अंतरराष्ट्रीय स्तर की मैराथन की मेजबानी करेगा मप्र, साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में बना रहा अपना मुकाम
भोपाल। ऐतिहासिक इमारतों और धार्मिक पर्यटन स्थलों के रूप में ख्यात मप्र अब साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अपना मुकाम बना रहा है। इसी क्रम में अब अंतरराष्ट्रीय स्तर के एडवेंचर इवेंट करने की तैयारी है। इसके लिए पचमढ़ी मुख्य केंद्र बनेगा। मप्र टूरिज्म बोर्ड की एडवेंचर टूरिज्म इकाई के डिप्टी डायरेक्टर उमाकांत चौधरी की माने तो अक्टूबर में पचमढ़ी में फोर्सिथ टेल आयोजित की जाएगी। इस 30 किलोमीटर की दौड़ में पहाड़, जंगल और पानी से होते हुए एथलीट मुकाम हासिल करेंगे। ये फोर्सिथ टेल का दूसरा एडिशन है।
12 फरवरी को इसका आयोजन पचमढ़ी में
इसके पहले 12 फरवरी को इसका आयोजन पचमढ़ी में किया गया था। स्विटजरलैंड की संस्था मैराथन की रैंकिंग करती है। ये संस्था पचमढ़ी में होने वाली मैराथन की रैंकिंग तय कर रही है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावकों के इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
फरवरी में मोस्ट डिफिकल्ट मैराथन
सतपुड़ा की वादियों में अगले साल फरवरी में मोस्ट डिफिकल्ट मैराथन होगा। इस 42 किमी की मैराथन में भी पहाड़ पर चढ़ाई के साथ ही जंगल और सपाट मैदानों में धावक दौड़ेंगे। इस इवेंट में कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट भागीदारी करेंगे।
पचमढ़ी मानसून मैराथन आज से
मप्र टूरिज्म बोर्ड की अगुवाई में पचमढ़ी मानसून मैराथन का चौथा आयोजन 7 अगस्त से होने जा रहा है। इसमें अब तक 880 से अधिक धावकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। यहां 5, 10, 21 और 42 किमी की मैराथन होगा। इसके पहले 2018 में आयोजित मैराथन में 500 तो 2019 में 1000 और 2021 में हुई मैराथन में 500 धावकों ने पचमढ़ी मानसून मैराथन में भागीदारी की थी।