अमेरिकी अदालत ने भेदभाव मामले में टीसीएस के पक्ष में सुनाया फैसला
न्यूयॉर्क
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) पर गैर-दक्षिण एशियाई लोगों के साथ अमेरिका में कथित भेदभाव किए जाने के एक मामले में यहां की एक अदालत ने टीसीएस के पक्ष में फैसला सुनाया है। यह भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी आउटसोर्सिंस उद्योग की एक बड़ी जीत है। लॉ 360 डॉट कॉम नाम के विधि खबर पोर्टल की रपट के अनुसार कैलिफोर्निया की अदालत के नौ निणार्यकों की जूरी ने बुधवार को एकमत से टीसीएस के पक्ष में फैसला सुनाया। जूरी ने कहा कि टीसीएस के भीतर लोगों की नस्ल या राष्ट्रीयता के चलते गैर-दक्षिण एशियाई लोगों के साथ जानबूझकर भेदभाव करने की कोई ‘परंपरा या तरीका’ नहीं है।
अदालत का यह फैसला इस मामले में पांच नवंबर से शुरू हुई सूनवाई के मंगलवार को समाप्त होने के बाद बुधवार को आया है। कंपनी के खिलाफ मामला उसके पूर्व तीन कर्मचारियों ने दायर किया था। क्रिस्टोफर स्लाइट, सैयद आमिर मासोदी और नोबेल मांडिली ने यह मामला दायर करते हुए कंपनी पर आरोप लगाया था कि उनकी नस्ल और राष्ट्रीयता की वजह से उन्हें कंपनी के भीतर काम करने कम मौके मिलते हैं। इस संबंध में टीसीएस ने अपनी प्रतिक्रिया में पीटीआई-भाषा के एक मेल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘ हम हमेशा इस बात का ख्याल रखते हैं। इस मामले में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और हम खुश हैं कि जूरी ने हूमारे पक्ष में फैसला दिया।