अलसी के तेल से निकाला ब्लड प्रेशर और कलेस्ट्रॉल का तोड़
दिल के रोगियों के लिए अलसी का तेल फायदेमंद होता है, यह बात लंबे समय से कही जाती रही है लेकिन इसका पेटेंट अब केजीएमयू के पास है। केजीएमयू के फिजियॉलजी विभाग के डॉ नरसिंह वर्मा और कानपुर के केमिकल इंजिनियर क्षितिज भारद्वाज ने ऐसा तेल तैयार किया है जो ब्लड प्रेशर और कलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखेगा। इसके लिए इन दोनों ने 4 साल केजीएमयू के मरीजों पर रिसर्च की। रिसर्च के नतीजों के अनुसार, इस तेल में मौजूद ओमेगा-3 फैटी ऐसिड से ब्लड प्रेशर और कलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियां कम हो गई। कुछ मरीजों की तो दवाएं भी बंद हो गईं। डॉ नरसिंह वर्मा और क्षितिज ने इस शोध का पेटेंट भी करवा लिया है। यह तेल अब ओमेगा अलाइव ऑइल के नाम से लखनऊ के मेडिकल स्टोर्स के अलावा ऑनलाइन भी उपलब्ध है।
कलेस्ट्रॉल की दवा बंद
डॉ नरसिंह वर्मा ने बताया कि रिसर्च के लिए केजीएमयू में हाई बीपी और कलेस्ट्रॉल वाले 300 मरीज चुने गए। इंजिनियर क्षितिज ने अलसी के साधारण तेल को खास तरह से प्रॉसेस किया। एक ग्रुप के 150 मरीजों को प्रॉसेस किया गया अलसी का तेल और दवाएं दी गईं। दूसरे ग्रुप को सिर्फ दवाएं दी गईं। 6 महीने बाद पाया कि जिन मरीजों को तेल और दवाएं दी जा रहीं थी उनका कलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर सिर्फ दवा खाने वाले मरीजों से बेहतर था। फिर 3-3 महीने पर मरीजों को ऑब्जर्व किया गया। हर बार नतीजे बेहतर रहे। बाद में मरीजों की राय से कुछ की दवाएं बंद कर उन्हें सिर्फ अलसी के बीज से प्रॉसेस किए गए ओमेगा-3 ऑइल से बना खाना ही दिया गया तो पाया गया कि दवा की तुलना में भी यह कारगर रहा।
अब होगी ओमेगा-3 की जांच
ब्लड में फैटी ऐसिड ओमेगा 3 की मात्रा कितनी है, इसकी अपने देश में कोई जांच नहीं होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि कांउसिल ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी से मिले फंड से वे कुछ लोगों के ब्लड सैंपल अमेरिका भेजेंगे और उनके रक्त में मौजूद ओमेगा 3 की जांच करवाएंगे। फिर इसके आधार पर उन लोगों को ऑइल दिया जाएगा ताकि भविष्य में और बेहतर परिणाम आ सकें।
अमेठी में लगा ऑइल प्लांट
इस शोध को इंडियन काउंसिल ऑफ ऐग्रिकल्चर की मेंटरशिप मिली है। जबकि कांउसिल ऑफ साइंस ऐंड टेक्नॉलजी ने कुछ फंड भी दिया है। सफल शोध के बाद ओमेगा-3 ऑइल का प्लांट अमेठी में लगाया गया है। इंजिनियर क्षितिज का का कहना है कि अब उनकी कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा अलसी के बीज लेकर तेल तैयार कर सकें। फिलहाल बाजार में यह ऑइल ऑनलाइन और लखनऊ के कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध है।
इनमें ज्यादा ओमेगा-3
देसी घी, कच्ची मूंगफली, सूरजमुखी, सरसों के तेल, राजमा और समुद्री मछली में ओमेगा-3 काफी मात्रा में होता है। डॉ नरसिंह का कहना है कि नदियों में प्रदूषण बढ़ने के कारण स्थानीय मछलियों में अब उतना ओमेगा-3 नहीं रहा लेकिन समुद्री मछलियों में अब भी ओमेगा-3 की मात्रा ज्यादा होती है।