आनंद ग्रोवर के NGO 'लॉयर्स कलेक्टिव' पर CBI ने दर्ज किया मामला

नई दिल्ली
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशी मदद हासिल करने में नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर जाने माने वकील आनंद ग्रोवर और मुंबई स्थित उनके एनजीओ ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एजेंसी ने गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है। मंत्रालय ने समूह को मिली विदेशी मदद के इस्तेमाल में कई विसंगतियां होने का आरोप लगाया है। हालांकि लॉयर्स कलेक्टिव ने आरोपों को आधारहीन बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि NGO के संस्थापक ग्रोवर को यह चुप कराने की साजिश है क्योंकि उनका संगठन कुछ संवेदनशील मामलों को उठा रहा है।
सीबीआई ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के अध्यक्ष ग्रोवर और संगठन के अज्ञात पदाधिकारियों के अलावा अन्य अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ग्रोवर पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के पति हैं। हालांकि सीबीआई ने जयसिंह को प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद नहीं किया है, लेकिन मंत्रालय की शिकायत में उनके खिलाफ भी आरोप लगाए गए हैं।
मंत्रालय की शिकायत अब प्राथमिकी का हिस्सा है। मंत्रालय की शिकायत के अनुसार 2009 से 2014 तक एएसजी के तौर पर जयसिंह ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ को मिले विदेशी चंदे से 96.60 लाख रुपए प्राप्त किए। इसमें यह भी कहा गया है कि एएसजी के तौर पर उनकी विदेश यात्राओं के लिए ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ ने धन मुहैया कराया। उन्होंने मंत्रालय की पूर्व स्वीकृति के बिना ऐसा किया। मंत्रालय की शिकायत के अनुसार समूह को 2006-07 और 2014-15 के बीच 32.39 करोड़ रुपए की विदेशी सहायता मिली थी जिसमें अनियमितताएं की गईं जो विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम (FCRA) का उल्लंघन है।
मंत्रालय ने कहा कि एनजीओ की उपलब्ध जानकारी और रेकॉर्डों की जांच के आधार पर FCRA,2010 के विभिन्न प्रावधानों का प्रथम दृष्ट्या उल्लंघन पाया गया। मंत्रालय ने दावा किया कि जांच के दौरान पाए गए उल्लंघनों के आधार पर एनजीओ से जवाब मांगा गया था लेकिन उसे संतोषजनक उत्तर नहीं मिले। इसके बाद उसका FCRA पंजीकरण निलंबित कर दिया गया और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
हाल में सुप्रीम कोर्ट में ‘लॉयर्स वायस’ द्वारा दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ द्वारा एकत्र चंदे का ‘देश के खिलाफ गतिविधियों’ में दुरुपयोग किया गया।