इन 3 सीटों पर पीढ़ी-दर-पीढ़ी चला आ रहा है कांग्रेस-बीजेपी का परिवारवाद

इंदौर
इंदौर ज़िले में 9 विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें से 3 सीटों पर तो कांग्रेस और बीजेपी में कई पीढ़ियों से लड़ाई चली आ रही है. दरअसल दोनों दल कई साल से एक ही परिवार के सदस्यों को पीढ़ी-दर-पीढ़ी टिकट देते आ रहे हैं. ये सीट हैं इंदौर-3, इंदौर-4 और देपालपुर सीट.
इंदौर की तीन नंबर विधान सभी सीट से इस बार बीजेपी के टिकट पर आकाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ रहे हैं. वो बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के अश्विन जोशी से है. अश्विन, कांग्रेस के पूर्व मंत्री महेश जोशी के भतीजे हैं. उनसे पहले महेश जोशी इसी सीट से तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं. उनके बाद तीन बार अश्विन जोशी यहां से विधायक रहे.
इंदौर का विधान सभा क्षेत्र क्रमांक-4 है. बीजेपी ने यहां से मालिनी गौड़ को तीसरी बार मैदान में उतारा है. पहले इस सीट से उनके पति लक्ष्मण सिंह गौड़ तीन बार विधायक रह चुके हैं. उनके निधन के बाद मालिनी गौड़ यहां से चुनाव लड़ती हैं. उनके मुकाबले में कांग्रेस के सुरजीत सिंह चढ्ढा हैं. वो शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष उजागर सिंह के बेटे हैं. उजागर सिंह इसी चार नंबर सीट से चुनाव लड़े चुके हैं.
इंदौर ज़िले की देपालपुर सीट का भी यही हाल है. यहां दो पूर्व विधायकों के बेटों के बीच लड़ाई है. मनोज पटेल लगातार तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं उनके पिता निर्भय सिंह पटेल मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री थे. इस बार फिर पार्टी ने मनोज पर भरोसा जताया है. उनके सामने कांग्रेस के विशाल पटेल हैं. विशाल के पिता जगदीश पटेल यहां से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं.
प्रमोशन में आरक्षण का विरोध कर रही सपाक्स पार्टी इसे राजनीति में भी आरक्षण बता रही है. हीरालाल त्रिवेदी का कहना है राजनीति में भी कई परिवार पीढ़ियों से लाभ ले रहें हैं इससे दूसरे लोगों को चुनाव का मौका नहीं मिल पा रहा है.ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं हैं. जनता को इस पर विचार करना चाहिए.