इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा BJP को मिला

इलेक्टोरल बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा BJP को मिला

नई दिल्ली 
चुनावी चंदे को पाक-साफ बनाने के मकसद से लॉन्च की गई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के जरिए वित्तीय वर्ष 2017-18 में सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी दल बीजेपी को मिला। मार्च 2018 में कुल 222 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी किए गए थे, जिसमें से 210 करोड़ रुपये बीजेपी के खाते में आए थे। 
 

ईटी ने बीजेपी की तरफ से इलेक्शन कमिशन के पास जमा कराई गई एनुअल ऑडिट रिपोर्ट 2017-18 के रिव्यू में पाया कि उसे इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 210 करोड़ दो हजार रुपये का चंदा मिला। इसका मतलब यह हुआ कि बीजेपी को 31 मार्च 2018 के आंकड़ों के मुताबिक सभी राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए जो चंदा मिला था, उसमें से 94.5% हिस्सा बीजेपी के खाते में गया। 

पहली किस्त मार्च 2018 में हुई थी जारी 
इलेक्टोरल बॉन्ड्स की पहली किस्त मार्च 2018 में जारी हुई थी। बीजेपी ने 2016-17 की तरह ही अगले फाइनेंशियल ईयर में 1,000 करोड़ रुपये के चंदे का आंकड़ा पार किया। बीजेपी को 2017-18 में 1027 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें से उसने कुल 758 करोड़ रुपये खर्च किए। बीजेपी की एनुअल ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र के सत्ताधारी दल ने 567 करोड़ रुपये की रकम इलेक्शन/जनरल प्रॉपगैंडा पर खर्च की, जबकि 22 करोड़ रुपये एंप्लॉयी कॉस्ट और 143 करोड़ एडमिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट रही। 

इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा देनेवाले का नाम गुप्त 
बॉन्ड स्कीम में राजनीतिक चंदा देने वालों का नाम गुप्त रखने की व्यवस्था है, इसलिए यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं है कि सत्ताधारी दल को एक ही महीने में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम चंदे के तौर पर किसने दी। यह पूरे साल पार्टी को मिले कुल 1027 करोड़ रुपये के चंदे के 20.4% के बराबर है। इसका मतलब यह हुआ कि पार्टी को मिले चंदे में 487 करोड़ रुपये यानी 52.8% रकम अज्ञात स्रोतों से हासिल हुई। बीजेपी ECI की ट्रांसपेरेंसी गाइडलाइंस के मुताबिक 437 करोड़ रुपये का चंदा देने वालों के नाम के साथ पहले ही दे चुकी है। 

कांग्रेस ने अभी तक नहीं जमा कराई रिपोर्ट 
कांग्रेस ने दो रिमाइंडर मिलने के बाद भी एनुअल ऑडिट रिपोर्ट जमा नहीं कराई है, हालांकि बीजेपी की रिपोर्ट से साफ झलकता है कि उसकी प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 31 मार्च 2018 को खत्म फाइनैंशल ईयर में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा नहीं मिला होगा। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी ने अपनी एनुअल ऑडिट रिपोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए एक भी रुपये का चंदा नहीं मिलने का जिक्र किया है। 

बीजेपी को मिला सबसे बड़ा फंड 
सत्ताधारी दल को बॉन्ड के बाद सबसे बड़ा चंदा प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिला, जिसने 169 करोड़ रुपये के फंड से 144 करोड़ रुपये निकाल कर दिए। बीजेपी को कुल 167 करोड़ रुपये इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिले हैं। लोढ़ा डिवेलपर्स और रहेजा कंस्ट्रक्शंस जैसे रियल एस्टेट डिवेलपर्स के अलावा सिप्ला, कैडिला, भारत इनसेक्टिसाइड्स जैसी फार्मा और सिक्योरिटी फर्म SIS (इंडिया) जैसे कॉरपोरेट डोनर्स ने रूलिंग पार्टी के लिए चंदे की बड़ी थैली निकाली।