ईडी ने असोसिएटेड जर्नल्स को पंचकूला में आवंटित जमीन कुर्क की: हेरल्ड केस
नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को पंचकूला में आवंटित भूखंड धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क कर लिया है। हरियाणा सरकार ने एजेएल को यह जमीन एक बार निरस्त करने के बाद 2005 में फिर से आवंटित की थी। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है।
एजेंसी ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि एक दिसंबर को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया गया। सीबीआई ने उसी दिन गलत तरीके से एजेएल को भूमि आवंटित करने को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। ईडी के अनुसार, 'चूंकि गलत तरीकों से आवंटित इस भूखंड का मूल्य अपराध से अर्जित धन/ सम्पत्ति के समान है, लिहाजा ईडी ने पीएमएलए कानून के तहत भूखंड को कुर्क कर लिया है।’
इस पर कांग्रेस ने कहा है कि उनके नेताओं के खिलाफ अनियमितताओं के आरोप द्वेषपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण नीयत से लगाए गए हैं। कांग्रेस ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है, सिवाय इसके कि यह चुनाव का समय चल रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘मैं इस सरकार की चिंता और निराशा को समझ सकता हूं, खासकर जब चुनाव का समय आसपास होता है ... तथ्यों को अलग ढंग से पेश किया गया है। ये पुराने मामले हैं। प्रक्रिया चल रही है। यह अंतिम आदेश नहीं है, यह कोई न्यायिक निर्णय नहीं है।’
ईडी ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्डा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत तरीके से भूखंड का आवंटन एजेएल को किया। यह आवंटन 1982 की दर (91 रुपये प्रति वर्ग मीटर) पर ब्याज के साथ किया गया। हालांकि, इस भूखंड को एजेएल को आवंटित करने के बाद आवंटन को निरस्त कर दिया गया था। भूखंड आवंटन निरस्त होने का काम पूरा हो चुका था ऐसे में कानूनन इसे फिर से आवंटित नहीं किया जा सकता था। ईडी ने कहा कि 2005 में भूखंड का फिर से आवंटन होने से एजेएल को अनुचित लाभ हुआ। एजेंसी के अनुसार जांच में पाया गया कि मेसर्स एजेएल को उक्त भूखंड पर निर्माण कार्य के लिये तीन बार अनुचित विस्तार दिया गया। बाद में इस जमीन को गिरवी रखकर बैंक से समय-समय पर कर्ज भी लिए गए।