एसी कमरों में बैठे लोग नहीं जानते 6000 रुपये छोटे किसानों के लिए कितना मूल्यवान: वित्त मंत्री

एसी कमरों में बैठे लोग नहीं जानते 6000 रुपये छोटे किसानों के लिए कितना मूल्यवान: वित्त मंत्री

  नई दिल्ली
किसानों के लिए 6000 रुपये सालाना सहायता राशि को कम बताकर हो रही आलोचनाओं का वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि एसी कमरों में बैठे लोग जमीन की कठोर सच्चाई से कटे हुए हैं। वे नहीं जानते कि यह आधे या एक एकड़ भूमि वाले छोटे किसानों के लिए यह कितना मूल्यवान है। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में गोयल ने कहा कि यह काफी मूल्यवान होगा क्योंकि सहायता राशि किसानों को सफल लगाते समय मिलेगी। 


लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने छोटे किसानों के लिए सालाना 6 हजार रुपये सहायता की घोषणा की है। सरकार इसे 'मास्टरस्ट्रोक' मान रही है तो कांग्रेस ने इसे बेहद कम बताते हुए किसानों के साथ मजाक करार दिया। 

वित्त मंत्री ने आगे कहा, 'हम किसानों के लिए अलग से कर्ज की व्यवस्था कर रहे हैं। यदि कोई राज्य सोचता है कि किसानों को और अधिक दिया जा सकता है तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। हम इसे देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने वाले किसानों के सम्मान के रूप में देखते हैं।' 

अंतरिम बजट की परंपरा को तोड़ा? 
इस तरह के आरोपों को नकारते हुए वित्त मंत्री ने कहा, 'इनकम सपॉर्ट स्कीम और असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन प्लान को मौजूदा वित्त वर्ष से ही लागू किया जा रहा है। जहां तक इनकम टैक्स की बात है, 2014 के अंतरिम बजट में मिस्टर चिदंबरम ने टैक्स कानूनों में बदलाव किया और SUV व लग्जरी कारों पर छूट दी। उन्होंने अंतरिम बजट का इस्तेमाल अमीरों को छूट और इंडस्ट्री की मदद में किया। क्या SUV, और बड़े कार से आम आदमी को लाभ है? हमने नए मिडिल क्लास तक फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।' 

पेंशन स्कीम के लिए क्या है टारगेट?
इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, 'हम इसे अगले 4-5 सालों में 10 करोड़ लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। इस योजना को LIC के जरिए लागू किया जाएगा। उनके पास इसके लिए नेटवर्क मौजूद है।' 

रोजगार को लेकर हो रहे विवाद पर क्या कहेंगे?
इसके जवाब में वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'जब पिछले 5 साल में औसत जीडीपी ग्रोथ 7.6% है तो रोजगार का सृजन होना तय है। जॉब्स का नेचर पूरी दुनिया में बदल रहा है। आज, यदि मैं एक पावर प्लांट लगाता हूं, मान लीजिए सोलर या विंड प्लांट, यह एनटीपीसी पावर प्लांट की नौकरियों से नहीं जोड़ा जा सकता है, लेकिन उतनी ही एनर्जी के लिए 14 या 15 गुना अधिक लोग लगे हैं, लेकिन अलग-अलग सेक्टर में अलग तरीके से।' 

मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें 70 फीसदी लोन महिलाओं को दिया गया है। करीब 7 लाख करोड़ का लोन बांटा गया है। बहुत से कारोबार लगाए गए हैं या विस्तार दिया गया है। 

बजट में रोजगार के लिए क्या? 
इसके जवाब में गोयल ने कहा, 'मैंने कई योजनाओं का जिक्र किया है। यदि 10 करोड़ टॉइलेट बनाए गए, लोगों ने इनके निर्माण में काम किया होगा। सबकुछ सरकारी नौकरी या बड़ी फैक्ट्री में ही नहीं है। आपके ही संगठन में कितने लोग रेगुलर पेरोल पर है? मैं ऐसे लोगों से मिला हूं जो कहते हैं उन्हें वर्कर्स नहीं मिल रहे हैं।'