कई बीमारियों को दूर करती है सौंफ
शायद ही कोई व्यक्ति हो जो 'सौंफ' से परिचित न हो। सौंफ को मसालों की रानी भी कहा जाता है। आमतौर पर सौंफ छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती है और दोनों ही खूशबूदार होती है। सौंफ का उपयोग अचार और सब्जियों को टेस्टी और खूशबूदार बनाने के अलावा औषधी के रूप में भी बहुत अधिक होता है। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ त्रिदोष नाशक होने के साथ ही बुद्धिवर्धक और रूचिवर्धक भी है। इस नन्हीं सी सौंफ में ऐसे कई गुण हैं जो अनेक बीमारियों का नाश कर सकते हैं...
पीरियड्स होंगे रेग्युलर
जब शरीर में आयरन और पोटैशियम की कमी होती है तो महिलाओं में पीरियड्स में अनियमितता आने लगती है। सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, आयरन, पोटैशियम जैसे लाभकारी तत्व पाए जाते हैं। अगर आपके पीरियड्स रेग्युलर नहीं हैं तो आप रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ 1 चम्मच सौंफ लें। इससे पेट संबंधी सभी बीमारियां भी दूर होंगी।
वेट लॉस के लिए कारगर
सौंफ में डाइटरी फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है और अगर आप रोज 100 ग्राम सौंफ खा लें तो ये आपके वेट लॉस प्रोग्राम के लिए भी अच्छा होता है। ये फाइबर शरीर में पाचन क्रिया को बढ़ाकर हमारे द्वारा खाए गए खाद्य पदार्थों को जल्द पचाने में मदद करता है। सौंफ में माइकेसीन, फेन्चोन, शैविकोल, सिनेल नामक वाष्पशील तेल यौगिक पाया जाता है। ये शरीर की पाचन और एंटीऑक्सीडेंट प्रतिक्रिया में मदद करते है। सौंफ के बीजों में जिंक पाया जाता है जो नियमित ग्रोथ और विकास को बढ़ाता है।
अनीमिया से बचाती है
सौंफ में आइरन, कॉपर और हिस्टिडाइन तीनों भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इससे शरीर में लाल रक्त कण (रेड ब्लड सेल्स) ठीक तरह से बन पाते हैं। सौंफ से शरीर में आइरन की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे हीमॉग्लोबिन भी बढ़ता है। रोजाना सौंफ खाना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है क्योंकि ये उन्हें अनीमिया से बचाती है।
बीपी भी रहता है कंट्रोल में
जर्नल ऑफ फूड सायेंस के अध्ययन के अनुसार सौंफ में नाइट्राइड और नाइट्रेट काफी मात्रा में पाए जाते हैं। ये दोनों नए रक्त कोशिकाओं के बनने में सहायता करते हैं। ये लार में नाइट्राइड की मात्रा को बढ़ाकर नैचरल तरीके से बीपी को नियंत्रित करते हैं। सौंफ में पोटैशियम की उच्च मात्रा कोशिका के लिए जरूरी तत्वों में से एक है।
कैंसर में भी मिलती राहत!
सौंफ मैंगनीज के अच्छे स्रोतों में एक है। शरीर जब इस मिनरल का इस्तेमाल करता है, तब एक शक्तिशाली ऐंटि-ऑक्सिडेंट एन्जाइम सुपरऑक्साइड डिस्म्यूटेस (superoxide dismutase) पैदा होता है। ये कैंसर की संभावना को कम करता है। सौंफ चबाने से त्वचा, पेट और ब्रेस्ट कैंसर की संभावना कुछ हद तक कम होती है।
सांस की बदबू दूर करें
सौंफ माउथ फ्रेशनर का काम करती है। इसमें कई तरह के सुगंधित तेल होते हैं, जो मुंह से बदबू को दूर करते हैं। ऐंटि-बैक्टिरियल और ऐंटि इंफ्लैमैटरी गुणों के अलावा ये सांसों की बदबू और मसूड़ों को संक्रमित करने वाले जर्म्स को नष्ट करती है।