कचरे को लेकर इंदौर में नया प्रयोग, पैसे कमाने लगी जनता, केंद्र सरकार पूरे देश में करेगी लागू

कचरे को लेकर इंदौर में नया प्रयोग, पैसे कमाने लगी जनता, केंद्र सरकार पूरे देश में करेगी लागू

इंदौर
 स्वच्छता में लगातार तीन बार नंबर वन बनने वाले इंदौर में कचरे के निपटान को लेकर किए जाने वाले प्रयोग अब केंद्र सरकार के लिए भी आश्चर्य का विषय बन गए हैं। इंदौर में नगर निगम ने गीले कचरे के बाद अब सूखे कचरे का भी घरों में ही निपटान करना शुरू कर दिया है। इस नए प्रयोग से जिन घरों से कचरा निकल रहा है, उन्हें भी आय का नया साधन मिल गया है, साथ ही नगर निगम को भी फायदा होना है।


नगर निगम ने इस नए प्रयोग को शहर के कुछ हिस्सों में शुरू किया था, जिसके अच्छे नतीजे से प्रभावित होकर केंद्र सरकार की भी इस पर नजर पड़ी है। केंद्र सरकार पर्यावरण को बचाने वाले इस प्रयोग को पूरे देश में रोल मॉडल के तौर पर लागू करने की तैयारी में है। बुधवार को नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह ने इंदौर के इस नए प्रयोग के बारे में केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के अफसरों के सामने रखा।

ये है इंदौर का नया प्रयोग

नगर निगम अभी शहर के 5 हजार घरों में अपने एनजीओ के माध्यम से यह प्रयोग कर रहा है। इसमें इन घरों को एक बड़ा थैला उपलब्ध कराया है, जिसमें घर से निकलने वाले सूखे कचरे को भरकर रखने के लिए कहा है। इसमें रद्दी कागज, कपड़ा, गत्ता, जूते-चप्पल, प्लास्टिक सहित अन्य सभी तरह के सूखे कचरे को रखा जा सकता है।

जनता और निगम दोनों को आय

इस थैले में औसतन 7 किलो तक कचरा प्रति घर से सप्ताह में अभी तक निकल रहा है, जिससे प्रतिमाह लगभग 112 रुपए घर मालिक को मिल जाते हैं। नगर निगम कचरे के निपटान के लिए जो शुल्क वसूल रही है, ये उससे दुगनी रकम है। नगर निगम भी इसके एवज में एक निश्चित राशि प्राप्त करेगी, इसके अलावा नगर निगम को घरों से कचरा लेने के लिए जो 500 से ज्यादा गाडिय़ां शहर में दौड़ाना पड़ती है। उन्हें सूखे कचरे की ज्यादा मात्रा के कारण दो बार तक राऊंड लगाना होते हैं, उसकी मात्रा कम होने पर गाड़ी को एक बार ही राऊंड लगाना होगा। इससे उसे डीजल की बचत होगी और पर्यावरण भी कम दूषित होगा।नगर निगम ने इसे पूरे शहर में लागू करने के लिए शहर को चार हिस्सों में बांटकर उसके हिसाब से टेंडर जारी करने वाला है।

- इस प्रयोग से जनता को भी फायदा होगा, साथ ही नगर निगम को भी आय होगी। शहर में कचरा भी अपने आप खत्म होगा। हमने जीरो वेस्ट सिटी का जो लक्ष्य तय किया है, उसमें ये बड़ा कदम होगा।
आशीषसिंह, निगमायुक्त