कटिहार: आरजेडी नेता की हत्या...तेजस्वी का सीएम नीतीश पर निशाना, कहा- क्या आपकी संवेदना मर चुकी है?

कटिहार: आरजेडी नेता की हत्या...तेजस्वी का सीएम नीतीश पर निशाना, कहा- क्या आपकी संवेदना मर चुकी है?

पटना
बिहार के कटिहार में बेखौफ अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग में आरजेडी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी। आरजेडी नेता और व्यवसायी निर्मल बूबना को शनिवार रात उनके घर के पास ही बाइक सवार बदमाशों ने गोलियों से छलनी कर दिया। इस सनसनीखेज वारदात के बाद बिहार में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नीतीश कुमार सरकार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस हत्याकांड को लेकर नीतीश कुमार सरकार पर सीधा हमला बोला है।

तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके किया सीएम नीतीश पर वार
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पूरे मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, 'आदरणीय नीतीश जी, क्या आपकी संवेदना मर चुकी है? सत्ता संरक्षित और संपोषित हत्यारों ने तांडव मचा रखा है। आपके अपराधियों के हौसले इतने बुलंद है कि इत्मीनान से नाचते हुए वो एक-एक आदमी पर 27 गोलियां दागते हैं, क्योंकि वो जानते है उन्हें बचाने वाला पटना में बैठा है।'

कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लगातार हमलावर हैं तेजस्वी
सूबे में बढ़ती आपराधिक वारदातों और जहरीली शराब से मौत के मामलों को लेकर तेजस्वी यादव लगातार प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इससे पहले उन्होंने रविवार को एक और ट्वीट में कहा, 'बिहार में घर से निकलना नहीं बाहर है क्योंकि... अपराधियों का कहर है। चहुंओर नृशंस नरसंहार है, लाशों का ढ़ेर अपार है, शू-शासन अपरम्पार है। पुलिस निर्दोष का फोड़ती कपार है, ज़हरीली शराब की बहती बयार है, अपराध के डबल इंजन का बहार है, हां भैया, यही तो असली नीतीशे कुमार है।'

बाइक सवार बदमाशों ने आरजेडी नेता को गोलियों से भूना
कटिहार में आरजेडी नेता निर्मल बूबना के मर्डर की सनसनीखेज वारदात शनिवार को सलमारी थाना क्षेत्र के काली मंदिर के पास हुई। आरजेडी नेता पर फायरिंग की सूचना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। तुरंत ही मामले की सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई, जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मामले की जांच में जुट गई है।

तेजस्वी के करीबी माने जाते थे निर्मल बूबना
बताया जा रहा कि निर्मल बूबना आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के काफी करीबी भी माने जाते थे। निर्मल बूबना के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उनके कदवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। हालांकि, गठबंधन के तहत वह सीट फिर कांग्रेस के कोटे में ही रहने के कारण वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सके थे।