कर्ज में डूबा पाकिस्तान, चीन ने कहा- हमने नहीं थोपा
इस्लामाबाद
कर्ज में डूबे पाकिस्तान की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। पेइचिंग के बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव (BRI) के चक्कर में पाकिस्तान पर महंगा कर्ज बढ़ता चला गया। हालांकि चीन ने ऐसे आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि उसके प्रॉजेक्ट ने कभी भी पाकिस्तान पर कर्ज नहीं थोपा। आपको बता दें कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी तीन दिवसीय यात्रा पर पाक पहुंचे हैं।
वांग यी का यह दौरा अपने आप में महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली टॉप-लेवल की मुलाकात है। दरअसल, चीन ने BRI पहल के तहत पाकिस्तान को 57 अरब डॉलर का लोन देने का वादा किया है। पाकिस्तान की चीन से करीबी ऐसे समय में बढ़ रही है, जब आतंकवाद पर दोहरे रवैये के चलते अमेरिका के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं।
पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और विकास की सुस्त रफ्तार को देखते हुए ऐसे आरोप लग रहे हैं कि चीन पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसा रहा है। इससे पहले जुलाई में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने आगाह किया था कि पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए संभावित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल किसी भी तरह से चीन के कर्ज को चुकाने में नहीं होना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि BRI पहल के पाकिस्तानी हिस्से (चीन-पाक आर्थिक गलियारा यानी CPEC) ने आर्थिक विकास को 1-2 फीसदी बढ़ाने में मदद की है और इसकी वजह से 70,000 नौकरियों के अवसर पैदा हुए हैं। आपको बता दें कि पाकिस्तान के हालात इतने खराब हो गए हैं कि नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश में बसे पाक मूल के लोगों से मदद की अपील की है।
इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वांग ने कहा, 'CPEC ने पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ नहीं दिया है बल्कि इन प्रॉजेक्टों के पूरा होने के बाद देश को व्यापक आर्थिक लाभ होंगे... और इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।' पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ मौजूद वांग ने कहा कि पाकिस्तान का 47 फीसदी कर्ज IMF और एशियन डिवेलपमेंट बैंक से है।
उन्होंने बताया कि 22 सीपीईसी प्रॉजेक्ट पर काम हो रहा है, जिसमें से 9 पूरे हो चुके हैं और इससे 19 अरब डॉलर का निवेश आया है। उधर, कुरैशी ने कहा कि CPEC उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है।