कांग्रेस की नई कार्यसमिति की घोषणा, मप्र को तवज्जों नहीं

नई दिल्ली 
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बनाई जाने वाली नई कार्यसमिति की मंगलवार को घोषणा हो गई। नई कार्यसमिति में मप्र से किसी भी नेता को तवज्जों नहीं दी गई है। नई कार्यसमिति में 23 लोगों को शामिल किया गया है। जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोती लाल वोहरा, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटोनी, अहमद पटेल, अम्बिका सोनी, ओमान चांडी, तरुण गोगाई, सिद्दारमैया, आनंद शर्मा, हरीश रावत, कुमारी शैल्जा, मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रद्वाज साहु, रघुवीर मीणा, गैखानगम व अशोक गहलोत को शामिल किया गया है। स्थायी आमंत्रित सदस्यों में शीला दीक्षित, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 18 लोग को शामिल है। विशेष आमंत्रित सदस्यों में अरुण यादव, दिपेन्द्र हुड्डा समेत 10 लोग शामिल है। 
कांग्रेस के संविधान के अनुसार 25 में से 12 सदस्य प्रत्यक्ष तौर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा चुने जाते हैं जबकि शेष सदस्यों का मनोनयन पार्टी अध्यक्ष द्वारा किया जाता है, परन्तु पिछले कुछ समय से यह बात देखने में आ रही है कि अधिकांश कार्यसमिति सदस्यों का मनोनयन ही कर दिया जाता है। कमेटी में स्थायी तथा विशेष आमंत्रित सदस्यों को शामिल किया जाता है। राहुल गांधी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने नई कार्यसमिति बनाने के अधिकार सौंपे थे। 132 वर्ष पुरानी कांग्रेस पार्टी में कांग्रेस कार्यसमिति के लिए सदस्यों का चयन करने के लिए कुछ बार ही सीधे चुनाव हुए हैं।  पिछली बार सीधे चुनाव 1997 में कोलकाता में हुए थे जब सीताराम केसरी प्रधान थे। केसरी से पहले चुनाव नरसिम्हाराव के कार्यकाल में 1992 में हुए थे। कार्यसमिति के लिए सदस्यों का मनोनयन करना भी आसान नहीं है, क्योंकि इसमें आने के लिए सभी वरिष्ठ नेता पूरा जोर लगाते हैं।