कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने कहा, प्रदेश में कांग्रेस अकेले भी लड़ सकती है चुनाव 

कांग्रेस के बिहार प्रभारी ने कहा, प्रदेश में कांग्रेस अकेले भी लड़ सकती है चुनाव 

अररिया 
लोकतंत्र में गठबंधन दलों के बीच खींचतान होना कोई नई बात नहीं है लेकिन अगर कोई ज्यादा जिद करेगी तो कांग्रेस पार्टी बिहार में अकेले भी चुनाव लड़ सकती है। यह बात बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहीं। वे बुधवार को विधायक की बेटी की शादी में शामिल होने अररिया आए हुए थे।

जिला मुख्यालय स्थित डाक बंगला में मीडिया से बात करते हुए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य सह बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर कैसे हो इस पर काम किया जा रहा है। 2020 में बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव की तैयारी में पार्टी जुट गई है। हर विधानसभा के लिए पार्टी तैयारी कर रही है। लेकिन कांगेस पार्टी चाहती है कि बिहार में महागठबंधन मजबूती से एकजुटता के साथ चुनाव लड़े। बिहार प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस न जात की न ही जमात की पार्टी है सबको साथ लेकर चलने में पार्टी विश्वास रखती है। 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जनता ने अहंकारी भाजपा को सबक सीखा दिया है। हरियाणा में 75 पार और महाराष्ट्र में अकेले दम पर सरकार बनाने के दावों को ख़ारिज कर दिया है। कांग्रेस पार्टी इन दोनों ही राज्यों में पहले से बेहतर प्रदर्शन कर ज्यादा सीटें जीतने में सफल रही है। 

बिहार प्रभारी ने कहा कि समस्तीपुर उपचुनाव में लोगों ने पहले की तुलना में ज्यादा समर्थन दिया है। किशनगंज के हार की प्रदेश कमेटी में बैठकर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार में हुए उपचुनाव में पार्टी जो चाहती थी वह नहीं हो सका लेकिन कांग्रेस लगातार आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि एक परिवार है इसलिए वह अररिया के विधायक आबिदुर रहमान की बेटी की शादी में शामिल होने दिल्ली से अररिया आए हैं। 

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि प्रदेश से लेकर प्रखंड स्तर तक कांग्रेस मजबूत है हमारे साथी दिन रात काम कर रहे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी। इस मौके पर पार्टी के जिलाध्यक्ष अनिल सिन्हा, पूर्णिया जिलाध्यक्ष इंदु सिन्हा, कांग्रेस नेता आजाद शत्रु सहित पार्टी के दर्जनों नेता कार्यकर्ता मौजूद थे।